शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

स्कूल हादसा: शिक्षक ने धमकाकर छात्रों को गिरती छत के नीचे बिठाया, स्कूल हादसे में हुआ खुलासा; 5 टीचर और एक अधिकारी को किया सस्पेंड

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Rajasthan News: झालावाड़ जिले के पिपलौद गांव में शुक्रवार सुबह स्कूल हादसा हुआ। सरकारी हाई प्राइमरी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई। एक दर्जन से ज्यादा बच्चे घायल हुए। हादसा प्रार्थना सभा के दौरान हुआ। स्कूल की जर्जर इमारत की शिकायत पहले भी की गई थी, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर बच्चों को मलबे से निकाला।

प्रशासन की लापरवाही उजागर

स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल की दीवारों और छत में पहले से दरारें थीं। कुछ समय पहले प्लास्टर किया गया, लेकिन हालात नहीं सुधरे। 78 साल पुरानी इमारत को लेकर कई शिकायतें थीं। एक छात्रा वर्षा ने बताया कि छत से कंकड़ गिर रहे थे। बच्चों ने शिक्षकों को बताया, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई। हादसे के समय शिक्षक नाश्ता कर रहे थे। प्रशासन की अनदेखी से यह स्कूल हादसा हुआ।

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शिक्षकों और अधिकारी पर कार्रवाई

हादसे के बाद जिला प्रशासन ने 5 शिक्षकों और एक शिक्षा विभाग के अधिकारी को निलंबित कर दिया। जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने जांच समिति गठित की। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई होगी। ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है। उन्होंने बताया कि स्कूल की हालत की शिकायत बार-बार की गई थी। हादसे ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है।

मृतकों के परिजनों को सहायता

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घायल बच्चों से एसआरजी अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक परिजन को संविदा पर नौकरी देने का ऐलान किया। सरकार नया स्कूल बनवाएगी। स्कूल के कमरों का नाम मृतक बच्चों के नाम पर रखा जाएगा। दिलावर ने कहा कि हादसे की जांच होगी और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।

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गांव में सदमा और गुस्सा

हादसे ने पिपलौद गांव को सदमे में डाल दिया। परिजन और ग्रामीणों में गुस्सा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने इसे बेहद पीड़ादायक बताया। ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल की जर्जर हालत की शिकायत कई बार की गई थी। प्रशासन की अनदेखी ने मासूमों की जान ले ली। घायल बच्चों को पास के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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