Rajasthan News: जैसलमेर के पूनमनगर में सरकारी स्कूल के जर्जर पिलर गिरने से 9 वर्षीय छात्र अरबाज खान की मौत हो गई। हादसे में एक शिक्षक गंभीर रूप से घायल हुआ। यह घटना झालावाड़ में सात बच्चों की मौत के तीन दिन बाद हुई। स्कूल हादसे ने प्रशासन की लापरवाही उजागर की। ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया।
सांसद ने उठाए सवाल
कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने स्कूल हादसे को प्रशासनिक लापरवाही बताया। उन्होंने कहा कि पिलर तीन साल से जर्जर था। बेनीवाल ने सरकार से जर्जर स्कूलों की तुरंत मरम्मत और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पहले भी जिला परिषद में स्कूलों की मरम्मत और बिजली लाइनों को हटाने की बात उठाई थी।
जर्जर स्कूलों का सर्वे
झालावाड़ हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने सर्वे किया। इसमें 2256 स्कूल जर्जर पाए गए। 7500 स्कूलों को मरम्मत की जरूरत है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जर्जर भवनों को बंद करने का आदेश दिया। जिला कलेक्टरों से 30 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी गई है। सरकार ने 7500 स्कूलों की मरम्मत के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया।
झालावाड़ में कार्रवाई
झालावाड़ स्कूल हादसे में सात बच्चों की मौत के बाद छह अधिकारी निलंबित किए गए। इनमें जिला शिक्षा अधिकारी नरसो मीणा और सहायक अभियंता कैलाश चंद्र पाटोदिया शामिल हैं। पांच शिक्षकों को पहले ही निलंबित किया गया था। परिजनों ने एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की। सरकार ने जांच और कार्रवाई का भरोसा दिया है।
अन्य जिलों में खतरा
उदयपुर के वल्लभनगर में स्कूल का बरामदा गिर गया। बांसवाड़ा के मोनाडुगर में भी रात को स्कूल का बरामदा ढह गया। दोनों हादसे अवकाश के दिन हुए, वरना बड़ी त्रासदी हो सकती थी। उदयपुर के स्कूल में 90 और बांसवाड़ा के स्कूल में 109 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूलों की जर्जर स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है।
