Himachal Pradesh News: बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के धन शोधन मामले में हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के एमडी रजनीश बंसल को फरार अपराधी घोषित कर दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत ने यह आदेश पारित किया है। लगातार समन और उद्घोषणा जारी होने के बावजूद बंसल अदालत में पेश नहीं हुआ था। इस आदेश के बाद ईडी अब रजनीश बंसल की संपत्ति को नीलाम कर सकेगी।
अदालत ने माना कि आरोपी जानबूझकर न्यायालय की कार्यवाही से बच रहा है। उद्घोषणा की प्रतियां आरोपी के कुरुक्षेत्र स्थित निवास और नाहन के कालाअंब स्थित हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट पर चस्पां की गई थीं। शिमला अदालत के नोटिस बोर्ड पर भी सूचना लगाई गई थी। इसके बावजूद बंसल ने उपस्थित नहीं हुआ।
छात्रवृत्ति घोटाले की है पृष्ठभूमि
यह मामला वर्ष 2014-15 का है जब हिमाचल में अधिकारियों की मिलीभगत से निजी विश्वविद्यालय संचालकों ने करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति का घोटाला किया। पुलिस ने 16 नवंबर 2018 को थाना छोटा शिमला में आरोपी अरविंद राज्टा सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया। 7 मई 2019 को यह मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया।
सीबीआई ने 7 मई 2019 को रजनीश बंसल और अन्य आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति हड़पने के इस मामले में कई उच्च पदासीन अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं। प्रवर्तन निदेशालय 19 जुलाई 2019 से मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामले की जांच कर रहा है।
ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
प्रवर्तन निदेशालय ने 29 जनवरी 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत रजनीश बंसल के पंचकूला स्थित घर में छापेमारी की थी। इस दौरान उसके भाई को गिरफ्तार किया गया जो अभी भी जेल में है। ईडी के मुताबिक मामले की पूछताछ के लिए रजनीश के खिलाफ करीब पांच समन जारी किए गए थे।
8 अप्रैल 2024 को सीबीआई ने रजनीश बंसल को गिरफ्तार किया था। बाद में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई थी। अंतिम वारंट पर 6 फरवरी 2025 को रजनीश ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद ईडी ने उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की।
अदालत ने खारिज की जमानत याचिका
ईडी के शिकंजे से बचने के लिए रजनीश बंसल की ओर से लगाई गई अंतरिम जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके बाद ईडी ने रजनीश के खिलाफ पीएमएलए 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध के लिए गैर जमानती वारंट जारी करने का आवेदन प्रस्तुत किया।
गत 12 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने रजनीश बंसल के खिलाफ ओपन-एंडेड गैर-जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया था। अदालत ने अब उसे फरार अपराधी घोषित करते हुए उसकी संपत्ति नीलाम करने की अनुमति दे दी है।
हिमालयन ग्रुप के खिलाफ चल रही है जांच
हिमालयन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस शिक्षा क्षेत्र की एक प्रमुख संस्था है। कालाअंब स्थित इस समूह के कई शैक्षणिक संस्थान हैं। छात्रवृत्ति घोटाले में इस समूह के कई अधिकारियों और प्रबंधकों के नाम सामने आए हैं। ईडी और सीबीआई की संयुक्त टीम इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।
आरोप है कि समूह ने सरकारी छात्रवृत्ति राशि का बड़ा हिस्सा हड़प लिया। इसके लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए और काल्पनिक छात्रों के नाम पर राशि का वितरण किया गया। जांच में पता चला है कि इस घोटाले में शिक्षा विभाग के कई अधिकारी भी शामिल थे।
फरार अपराधी घोषित होने के परिणाम
अदालत ने आदेश दिया है कि बंसल का नाम प्रवर्तन निदेशालय के फरार आरोपियों के रजिस्टर में दर्ज किया जाए। इसके बाद ईडी उसकी सभी संपत्तियों को कुर्क और नीलाम कर सकेगी। फरार अपराधी घोषित होने के बाद बंसल के खिलाफ कार्रवाई और तेज होगी।
ईडी पहले ही बंसल की कई अचल संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है। अब इन संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस आदेश के बाद बंसल के लिए लंबे समय तक फरार रहना मुश्किल होगा। पुलिस और ईडी की संयुक्त टीम उसे तलाशने में जुटी है।
