India News: केंद्र सरकार ने छात्रवृत्ति वितरण के लिए नियमों में बदलाव किया है। अब राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) के बजाय सिंगल नोडल एजेंसी-स्पर्श (NNA-SPARSH) के माध्यम से छात्रवृत्ति का बजट जारी होगा। इस बदलाव से प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने का लक्ष्य है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि नई व्यवस्था से विद्यार्थियों को समय पर सहायता मिले।
पुराने डेटा पर निर्णय
राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल से वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के आवेदनों का डेटा हटा दिया गया है। यह कदम डिजिटल रिकॉर्ड को अपडेट करने और पुराने डेटा को हटाने के लिए उठाया गया। इससे सिस्टम में केवल ताजा और प्रासंगिक जानकारी रहेगी। हालांकि, इस बदलाव से कुछ विद्यार्थियों को असुविधा हो सकती है, जिनके आवेदन अभी तक लंबित हैं।
लंबित आवेदनों का क्या?
2019-20 से 2021-22 तक पोस्ट-मैट्रिक अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) छात्रवृत्ति योजना के तहत आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के सामने चुनौती है। कई आवेदनों को सत्यापित करने के बावजूद, गलत बैंक खाता विवरण या निष्क्रिय खातों के कारण राशि नहीं मिली। ऐसे विद्यार्थियों को अब अपने दस्तावेजों के साथ उच्चतर शिक्षा निदेशालय में संपर्क करना होगा।
15 दिन की समय सीमा
उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. हरीश कुमार ने पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। विद्यार्थियों को 15 दिनों के भीतर अपने लंबित छात्रवृत्ति मामलों को दस्तावेजों सहित जमा करना होगा। यदि इस अवधि में दस्तावेज जमा नहीं किए गए, तो आवेदन निरस्त हो सकते हैं। संस्थानों को भी इसकी जानकारी समय पर निदेशालय को भेजनी होगी।
संस्थानों की जिम्मेदारी
शिक्षा संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विद्यार्थियों को इस बदलाव के बारे में सूचित करें। समय सीमा का पालन न करने पर लंबित आवेदनों को रद्द करने का निर्णय लिया जा सकता है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि केवल सक्रिय और सही आवेदनों पर कार्रवाई हो। सरकार का यह प्रयास छात्रवृत्ति प्रक्रिया को सुचारू बनाने की दिशा में है।
