Stock Market News: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने शेयर बाजार में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। गुरुवार को बैंक के शेयरों ने तेजी का रुख अपनाते हुए एक फीसदी से अधिक की छलांग लगाई। इस उछाल के साथ ही बैंक का शेयर भाव अपने नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इसके साथ ही बैंक का बाजार पूंजीकरण पहली बार एक सौ अरब अमेरिकी डॉलर के पार चला गया।
बीएसई पर ट्रेडिंग के दौरान एसबीआई का शेयर मूल्य 1.47 फीसदी की वृद्धि के साथ 971.15 रुपये प्रति शेयर के नए रिकॉर्ड स्तर को छू गया। इस ऐतिहासिक उछाल ने बैंक के बाजार पूंजीकरण को 8.96 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंचा दिया। भारतीय रुपये के मुकाबले डॉलर की विनिमय दर को देखते हुए यह राशि एक सौ अरब डॉलर से अधिक बनती है।
इस उपलब्धि के साथ ही भारतीय स्टेट बैंक एक विशेष क्लब में शामिल हो गया है। यह क्लब उन भारतीय कंपनियों का है जिनका बाजार पूंजीकरण एक सौ अरब डॉलर से अधिक है। एसबीआई इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल होने वाली देश की छठी कंपनी बन गई है। इस मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर बनी हुई है।
100 अरब डॉलर मार्केट कैप क्लब में कौन हैं शामिल?
सौ अरब डॉलर के मार्केट कैप क्लब में शीर्ष पर रिलायंस इंडस्ट्रीज हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 228.7 अरब डॉलर है। इस सूची में दूसरे नंबर पर एचडीएफसी बैंक है जिसका मार्केट कैप 183.6 अरब डॉलर के स्तर पर है। तीसरे स्थान पर भारती एयरटेल है जिसका बाजार पूंजीकरण 140.3 अरब डॉलर है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस 124.8 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ चौथे स्थान पर मौजूद है। आईसीआईसीआई बैंक 108.5 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ इस सूची में पांचवें स्थान पर काबिज है। अब भारतीय स्टेट बैंक भी इस सम्मानजनक सूची में अपना नाम दर्ज कराने में सफल रहा है।
एसबीआई के शेयरों में लगातार जारी है तेजी
हाल के महीनों में भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में लगातार तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। पिछले एक महीने के दौरान इस शेयर की कीमतों में दस फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। यदि पिछले छह महीनों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो शेयर में 23 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है।
लंबी अवधि में एसबीआई के शेयरों ने निवेशकों को मजबूत रिटर्न दिया है। पिछले दो वर्षों में इस शेयर ने 66 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। वहीं पिछले पांच वर्षों की बात करें तो शेयर ने 336 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है। इस तरह यह शेयर मल्टीबैगर रिटर्न देने वाला साबित हुआ है।
दूसरी तिमाही के नतीजों ने दिखाई राह
एसबीआई के शेयरों में इस ताजा उछाल के पीछे बैंक के हालिया तिमाही नतीजों का अहम योगदान रहा है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में बैंक ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। बैंक ने विश्लेषकों के अनुमानों को पार करते हुए मजबूत आय के आंकड़े पेश किए हैं। इसने निवेशकों के विश्वास को और मजबूत किया है।
सितंबर महीने को समाप्त हुई तिमाही में एसबीआई ने शुद्ध लाभ में साल दर साल दस फीसदी की वृद्धि दर्ज की। बैंक का शुद्ध लाभ 20,159.67 करोड़ रुपये रहा। इस लाभ में यस बैंक में बैंक की 13.18 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से प्राप्त 4,593 करोड़ रुपये के अतिरिक्त लाभ का भी योगदान शामिल है।
बैंक की आय और लाभप्रदता में दिखा सुधार
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय में 3.28 फीसदी की वृद्धि देखी गई। यह आय बढ़कर 42,985 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। हालांकि प्रोविजन से पहले का परिचालन लाभ इस दौरान 6.8 फीसदी घट गया। यह लाभ 27,310.92 करोड़ रुपये पर आ गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि से कम है।
बैंक की शुद्ध ब्याज मार्जन यानी एनआईएम इस तिमाही में 2.97 फीसदी पर बनी रही। घरेलू मामलों में शुद्ध ब्याज मार्जन 3.09 फीसदी के स्तर पर दर्ज किया गया। यह आंकड़े बैंक की लाभप्रदता को बनाए रखने की क्षमता को दर्शाते हैं। बैंक ने अपनी लागत पर नियंत्रण रखते हुए मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है।
एसेट क्वालिटी में दिखा लगातार सुधार
भारतीय स्टेट बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता में लगातार सुधार जारी है। सकल गैर-निष्पादित आस्ति अनुपात पिछली तिमाही के 1.83 फीसदी से घटकर 1.73 फीसदी पर आ गया है। शुद्ध गैर-निष्पादित आस्ति अनुपात में भी सुधार देखने को मिला है। यह अनुपात पिछली तिमाही के 0.47 फीसदी से घटकर 0.42 फीसदी पर पहुंच गया है।
यह सुधार बैंक की ऋण वसूली में मजबूती और बेहतर जोखिम प्रबंधन रणनीति को दर्शाता है। कम एनपीए अनुपात बैंक की वित्तीय सेहत के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जाता है। इससे बैंक की भविष्य की आय में वृद्धि की उम्मीदें और मजबूत होती हैं।
बैंक के इस शानदार प्रदर्शन ने निवेशकों के मन में नई उम्मीदें जगाई हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि देश की सबसे बड़ी बैंकिंग संस्था के रूप में एसबीआई की यह विकास यात्रा जारी रह सकती है। बैंक के शेयरों में यह तेजी बैंकिंग क्षेत्र के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
