India News: आज 4 अगस्त 2025 को सावन का अंतिम सोमवार मनाया जा रहा है। यह सावन मास का चौथा और अंतिम सोमवार है। इस पवित्र महीने का समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ होगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। सर्वार्थ सिद्धि, ब्रह्म और इंद्र योग के संयोग से यह दिन अत्यंत शुभ है। भक्त सुबह ब्रह्म मुहूर्त में शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।
सावन सोमवार का शुभ मुहूर्त
आज सावन का अंतिम सोमवार का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:20 से 5:20 बजे तक है। इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करना शुभ माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि, ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग इस दिन को विशेष बनाता है। भक्त इस समय शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाते हैं। पूजा के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। भक्तों को इस मुहूर्त में पूजा शुरू करनी चाहिए।
सावन सोमवार की पूजन विधि
सावन का अंतिम सोमवार की पूजा के लिए सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। शिव और पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। व्रत का संकल्प लेकर ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल और चंदन अर्पित करें। महामृत्युंजय मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें।
क्या चढ़ाएं और क्या न चढ़ाएं
इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, बेलपत्र, धतूरा, शमी पत्र और सफेद फूल चढ़ाएं। तुलसी, सिंदूर, हल्दी, केतकी के फूल और टूटे चावल से बचें। पूजा सामग्री में गंगाजल, रुद्राक्ष माला, धूप, दीप और कपूर शामिल करें। यह सामग्री भगवान शिव को प्रसन्न करती है। भक्तों को इन नियमों का पालन करना चाहिए।
सावन सोमवार के विशेष उपाय
सावन का अंतिम सोमवार पर रुद्राभिषेक और रुद्राष्टक का पाठ करें। शिव मंदिर में जलाभिषेक करें और ‘हर हर महादेव’ का जाप करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। जरूरतमंदों को भोजन, जल और वस्त्र का दान करें। यह कार्य भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। भक्तों को इन उपायों से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें।
