शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

संविधान बचाओ यात्रा: 6 दिसंबर को ग्वालियर से शुरू होगा भीम आर्मी का अभियान, चंद्रशेखर आजाद दिखाएंगे हरी झंडी

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India News: आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी ने संविधान बचाओ यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव किया है। यह यात्रा अब 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर ग्वालियर से शुरू होगी। दलित पिछड़ा समाज संगठन के प्रमुख दामोदर सिंह यादव ने इसकी घोषणा की। यात्रा को हरी झंडी दिखाने का कार्य नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद करेंगे।

यह यात्रा संविधान की रक्षा और सामाजिक न्याय के लिए चलाई जा रही है। यह धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू राष्ट्र यात्रा के विरोध में भी मानी जा रही है। यात्रा का पहला चरण ग्वालियर-चंबल संभाग से शुरू होकर पिछोर में समाप्त होगा। दूसरा चरण बुंदेलखंड के जिलों से होता हुआ बागेश्वर धाम तक जाएगा।

यात्रा का नया कार्यक्रम

दामोदर सिंह यादव ने कहा कि यात्रा के कार्यक्रम और तिथियों में परिवर्तन किया गया है। यह बदलाव यात्रा को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया गया है। अंबेडकर जयंती के महत्व को जोड़कर जनता में उत्साह पैदा करना है। यात्रा के दौरान पाखंड और संविधान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा।

यात्रा का पहला चरण 6 दिसंबर 2025 से ग्वालियर में शुरू होगा। इसमें हरी झंडी समारोह, रैलियां और जनसंपर्क कार्यक्रम होंगे। यह पिछोर में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगा। दूसरा चरण दिसंबर के अंत तक बुंदेलखंड के जिलों में चलेगा।

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चंद्रशेखर आजाद की भूमिका

चंद्रशेखर आजाद भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह 2024 के लोकसभा चुनाव में नगीना से सांसद चुने गए थे। उत्तर भारत में वह प्रमुख दलित नेता के रूप में उभरे हैं। ग्वालियर में अंबेडकर प्रतिमा विवाद पर उन्होंने बड़ा आंदोलन का संकेत दिया था।

आजाद ने कहा कि यह यात्रा वंचितों की ताकत बनेगी। बाबा साहेब अंबेडकर के सपनों को साकार करने का प्रयास होगा। उनकी सुरक्षा हाल ही में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर तक बढ़ाई गई है। वह इस यात्रा के मुख्य आयोजकों में से एक हैं।

यात्रा का ऐतिहासिक संदर्भ

संविधान बचाओ यात्रा आजाद समश पार्टी और भीम आर्मी का प्रमुख अभियान है। यह 2023 में मध्य प्रदेश से शुरू हुई थी। यह राजस्थान, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में फैली। चंद्रशेखर आजाद ने कोटा, भीलवाड़ा और नीमराना में रैलियां कीं। 2024 में महू से एक और चरण शुरू हुआ।

इस यात्रा का मुख्य फोकस संविधान विरोधी नीतियों का विरोध है। भ्रष्टाचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठाना है। हिंदू राष्ट्र की मांगों का विरोध करना है। चंद्रशेखर आजाद ने कहा था कि संविधान हमारा सबसे बड़ा हथियार है।

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

दामोदर सिंह यादव ने कहा कि लोग अब जागरूक हो चुके हैं। यह यात्रा धीरेंद्र शास्त्री के बहकावे का जवाब है। चंद्रशेखर आजाद ने संविधान बचाओ और जय भीम का नारा दिया। उन्होंने कहा कि ग्वालियर से नई क्रांति शुरू होगी।

भाजपा ने इस यात्रा को राजनीतिक स्टंट बताया है। उनका कहना है कि संविधान पहले से सुरक्षित है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर में अंबेडकर प्रतिमा पर समर्थन जताया था। लेकिन यात्रा पर वह चुप्पी साधे हुए हैं।

यात्रा के उद्देश्य और लक्ष्य

यह यात्रा संविधान पर कथित हमलों के विरोध में है। दलित, आदिवासी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्गों के अधिकारों की रक्षा करना है। सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए जनजागरण करना है। यात्रा में जय भीम, जय भारत और जय मंडल के नारे लगते हैं।

भीम आर्मी सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगी। वह हिंदू राष्ट्र यात्रा को गैर-संवैधानिक साबित करने का प्रयास करेगी। पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन दाखिल करने की योजना है। यह यात्रा वंचित समाज की एकजुटता का प्रतीक बनेगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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