Saudi Arabia News: हर साल लाखों भारतीय और पाकिस्तानी अच्छी कमाई की आस में सऊदी अरब जाते हैं। वहां दक्षिण एशियाई कामगारों को अक्सर एक खास नाम ‘रफीक’ (Rafiq) से पुकारा जाता है। क्या आप जानते हैं कि अरब के लोग ऐसा क्यों करते हैं? सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक दिलचस्प बहस छिड़ी है। आइए जानते हैं कि इस शब्द का असली मतलब क्या है और क्या यह कोई गाली है या सम्मान?
‘रफीक’ का असल अर्थ
अरबी भाषा में ‘रफीक’ का शाब्दिक अर्थ ‘साथी’ या ‘दोस्त’ होता है। सऊदी अरब में यह शब्द काफी प्रचलित है। हालांकि, वहां काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए इसका इस्तेमाल अलग-अलग संदर्भों में किया जाता है। कई बार इसे सम्मान देने के लिए बोला जाता है, तो कभी इसे भेदभाव के नजरिए से भी देखा जाता है। कोरा (Quora) पर यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए हैं।
80 के दशक में माना जाता था अपमानजनक
जेद्दा में पले-बढ़े बाबर मुगल बताते हैं कि 80 और 90 के दशक में सऊदी अरब में हालात अलग थे। उस समय भारतीय उपमहाद्वीप के मजदूरों के लिए ‘रफीक’ एक तरह का स्लैंग या अपमानजनक शब्द बन गया था। इसे निचले दर्जे का काम करने वालों के लिए इस्तेमाल किया जाता था। कई भारतीय और पाकिस्तानी इस शब्द को पसंद नहीं करते थे। हालांकि, अब शिक्षा बढ़ने के साथ लोगों की सोच बदली है और इसका गलत इस्तेमाल कम हुआ है।
सम्मान देने का एक तरीका
दूसरी तरफ, तारिक बेद्दा और शाहिद सुमरा का मानना है कि सऊदी अरब की संस्कृति में अजनबियों को सीधे ‘तुम’ कहना अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए, सम्मान देने के लिए वे ‘रफीक’ यानी दोस्त शब्द का इस्तेमाल करते हैं। यह ठीक वैसा ही है जैसे भारत में हम किसी अनजान व्यक्ति को ‘भाई साहब’ कहते हैं। इसमें कोई भेदभाव नहीं होता है।
अब ‘सदीक’ शब्द का चलन ज्यादा
समय के साथ सऊदी अरब में बोलचाल की भाषा भी बदल रही है। यासीर अल के मुताबिक, अब वहां भारतीयों और पाकिस्तानियों को बुलाने के लिए ‘सदीक’ (Sadeeq) शब्द का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। ‘सदीक’ का मतलब भी दोस्त होता है। यह शब्द प्रवासियों के बीच ज्यादा स्वीकार्य और सम्मानजनक माना जाता है।
