Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने स्कूलों में प्रधानाचार्यों के खाली पदों को भरने का सख्त आदेश सुनाया है। कोर्ट ने सरकार को 20 दिनों के भीतर करीब 800 पदों को प्रमोशन से भरने को कहा है। यह फैसला उन शिक्षकों के लिए बड़ी राहत है जो लंबे समय से Sarkari Naukri में अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे।
26 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की बेंच ने मामले का निपटारा कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि 20 दिनों में विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक करें। इसके साथ ही योग्य प्राध्यापकों को नियुक्ति पत्र भी तुरंत जारी करें। अदालत ने आदेशों के पालन की रिपोर्ट देखने के लिए 26 दिसंबर की तारीख तय की है।
सरकार की लापरवाही पर फटकार
हाई कोर्ट ने सरकार की कार्यप्रणाली पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि सरकार अपने ही आदेशों को मानने में नाकाम रही है। नियम के अनुसार साल में कम से कम दो बार डीपीसी होनी चाहिए। इस देरी के कारण कई शिक्षक बिना प्रमोशन पाए ही रिटायर हो रहे हैं। यह स्थिति Sarkari Naukri के नियमों के खिलाफ है और कर्मचारियों के साथ अन्याय है।
डीपीसी में देरी पर जवाब तलब
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से देरी का कारण पूछा था। जवाब में सरकार ने 29 नवंबर 2025 की शिक्षा विभाग की हिदायत पेश की। इसमें बताया गया कि लोक सेवा आयोग से छूट लेकर विभागीय स्तर पर डीपीसी करवाई जाएगी। मंत्रिमंडल ने भी इसे मंजूरी दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने माना कि इसमें समय सीमा तय नहीं थी।
रिटायरमेंट की कगार पर शिक्षक
प्रार्थियों ने कोर्ट को बताया कि वे सेवानिवृत्ति के करीब हैं। इनमें से चार प्रार्थी तो 31 दिसंबर को ही रिटायर होने वाले हैं। कोर्ट ने माना कि विभाग ने जानबूझकर उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया है। अब 20 दिन का समय देकर कोर्ट ने इन शिक्षकों को न्याय देने की कोशिश की है।
