शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सरबजीत कौर केस: पाकिस्तान में निकाह और धर्म परिवर्तन का वीडियो सामने आया, सुरक्षा एजेंसियां चिंतित

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National News: भारत से सिख जत्थे के साथ पाकिस्तान गई पंजाब की सरबजीत कौर का नया वीडियो सामने आया है। वीडियो में वह इस्लाम कबूल करती और निकाह कबूल करने की बात करती दिख रही हैं। वीडियो में पाकिस्तानी नागरिक नासिर हुसैन के साथ बैठी महिला कहती है कि वह नासिर को नौ साल से जानती हैं और अपनी मर्जी से उसके साथ निकाह कर रही हैं।

बावन वर्षीय सरबजीत कौर का कई साल पहले अपने पति से तलाक हो चुका है और उनके दो बेटे हैं। एक दिन पहले निकाहनामा भी वायरल हुआ था जिससे पता चला कि सरबजीत कौर ने अपना नाम बदलकर नूर रख लिया था। इस घटना से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।

एसजीपीसी ने जिम्मेदारी से किया इनकार

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से इनकार किया है। कमेटी ने कहा कि वे सिर्फ श्रद्धालुओं की सूची सरकार को भेजते हैं। बैकग्राउंड चेक करना सरकार का काम होता है। चार नवंबर को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते गुरुपर्व के मौके पर पाकिस्तान जाने वाले सिख जत्थे की अगुवाई एसजीपीसी के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज ने की थी।

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एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि कमेटी को जो आधिकारिक सूची केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई थी उसमें सरबजीत कौर का नाम शामिल ही नहीं था। केवल सरकारी सूची के आधार पर ही मंजूरी दी गई थी। यात्रियों की पृष्ठभूमि की जांच करना सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी होती है।

सुरक्षा चिंताएं बढ़ीं

इस घटना ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में आए तनाव के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर शुरू में जत्थे को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी थी। सिख संगठनों के दबाव के बाद ही मंजूरी दी गई थी।

प्रताप सिंह ने कहा कि अगर महिला पाकिस्तान के किसी से ऑनलाइन बातचीत कर रही थी या उसके इरादे संदिग्ध थे तो यह जानकारी सरकार के पास होनी चाहिए थी। समय पर जांच होती तो उसे बॉर्डर पार करने से पहले ही रोका जा सकता था। जांच प्रक्रिया को और सख्त करने की जरूरत है।

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सिख समुदाय पर प्रभाव

एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने इस घटना को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि महिला को ऐसा कदम उठाने से पहले अपने परिवार और अपनी कौम के सम्मान के बारे में सोचना चाहिए था। ऐसा व्यवहार पूरी सिख कौम की छवि पर असर डालता है। उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर जांच प्रक्रिया की मांग की।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केवल प्रशासनिक चूक नहीं है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा सवाल उठाता है। धार्मिक यात्राओं के बहाने सीमा पार यात्राएं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती पैदा कर सकती हैं। एजेंसियों को ऐसी यात्राओं के लिए और सख्त प्रोटोकॉल बनाने की जरूरत है।

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