Himachal News: शिमला में स्थित संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण मामले में हाईकोर्ट ने बुधवार को बड़ी राहत और निर्देश दोनों दिए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन ने मामले की सुनवाई करते हुए नगर निगम को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मस्जिद की ऊपरी मंजिलों को खुद तोड़ने के आदेश को फिलहाल बरकरार रखा है। हालांकि, ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर यथास्थिति (Status Quo) बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई मार्च में होगी।
हाईकोर्ट में क्या हुआ?
वक्फ बोर्ड ने शिमला नगर निगम आयुक्त और जिला अदालत के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। बोर्ड ने अपनी याचिका में अवैध ढांचे को गिराने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निचली मंजिलों पर किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। लेकिन ऊपरी मंजिलों के निर्माण को हटाने के पुराने आदेश में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
याचिका फिर से क्यों दायर हुई?
वक्फ बोर्ड ने पहले भी इस मामले में याचिका दायर की थी। शुक्रवार को बोर्ड ने उस याचिका को वापस ले लिया था। इसमें कुछ कानूनी प्रावधानों की कमी थी। इसके बाद बोर्ड ने नए सिरे से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। बोर्ड का कहना है कि नगर निगम और जिला अदालत का फैसला नियमों के तहत नहीं है।
जिला अदालत का कड़ा रुख
जिला अदालत ने 30 अक्टूबर को एक अहम फैसला सुनाया था। कोर्ट ने शिमला नगर निगम आयुक्त के 3 मई 2025 के आदेशों को सही ठहराया था। निगम ने पूरी संजौली मस्जिद को अवैध घोषित किया था। जिला अदालत ने मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड को 30 दिसंबर तक अवैध ढांचा गिराने के निर्देश दिए थे। इसी आदेश के खिलाफ अब हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।
