Bihar News: बिहार के समस्तीपुर जिले में चुनावी पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाती घटना सामने आई है। सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव के पास कचरे में हजारों वीवीपैट पर्चियां मिलीं। स्थानीय लोगों ने यह देखते ही प्रशासन को सूचना दी। अधिकारियों की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर पर्चियों को जब्त कर लिया।
चुनाव आयोग की त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने तत्काल कार्रवाई की। संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए। चुनाव आयोग ने समस्तीपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी को घटनास्थल का निरीक्षण करने को कहा।
आयोग ने दिया सफाई
निर्वाचन आयोग ने आधिकारिक बयान जारी किया। इसमें स्पष्ट किया गया कि ये पर्चियां मॉक पोल के दौरान इस्तेमाल हुई थीं। इनके निस्तारण में सहायक रिटर्निंग अधिकारी से लापरवाही हुई। जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने बताया कि कुछ पर्चियां कटी हुई और कुछ अखंड मिलीं। इनकी जांच की जा रही है।
तकनीकी प्रक्रिया से जुड़ा मामला
जिलाधिकारी ने बताया कि यह मामला तकनीकी प्रक्रिया से जुड़ा है। यह सामग्री कमीशनिंग या डिस्पैच सेंटर के पास मिली है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार कमीशनिंग प्रक्रिया के दौरान पांच प्रतिशत मशीनों पर मॉक पोल किया जाता है। इस दौरान निकली पर्चियों को नष्ट कर दिया जाता है।
लापरवाही से हुई चूक
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि संभवतः कुछ पर्चियां लापरवाहीवश पूरी तरह नष्ट नहीं हुईं। इसी कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। संबंधित कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। जांच के बाद स्पष्ट किया जाएगा कि पर्चियां कब और कैसे वहां पहुंचीं। प्रशासन पूरे मामले की गहन जांच कर रहा है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
इस घटना ने विपक्ष को सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने का मौका दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले ही ईवीएम और वीवीपैट को लेकर सवाल उठा चुके हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि यदि ये पर्चियां परीक्षण की थीं तो उन्हें इतनी लापरवाही से क्यों फेंका गया।
वीवीपैट प्रणाली को भारतीय चुनावों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लाया गया था। इस तरह की घटनाएं जनता के विश्वास को प्रभावित करती हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करके गंभीरता दिखाई है। अब सबकी नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।
