Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र में एक विवाहित महिला की निर्मम हत्या का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने शुरुआती जांच में महिला के पति को ही आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। करीब एक महीने जेल में बिताने के बाद एक वायरल ऑडियो के सामने आने पर पूरे मामले की दिशा ही बदल गई। अब पुलिस ने चार युवकों को महिला की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है।
महिला 12 अगस्त को अपने घर से लापता हो गई थी। दो दिन बाद 14 अगस्त को उसका शव जंगल के एक पेड़ से लटका हुआ मिला था। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि महिला ने आत्महत्या की है। इसके बाद पुलिस ने मृतका के पति पर आत्मह्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पति करीब एक महीने तक जेल में रहा। इस दौरान पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। एक निर्दोष व्यक्ति को झूठे आरोपों का सामना करना पड़ा। उसकी जमानत होने के बाद ही वह घर लौट सका। पुलिस की जांच पर सवाल उठने लगे थे।
वायरल ऑडियो ने बदली जांच की दिशा
मामले में तब नया मोड़ आया जब एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई। यह ऑडियो लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी और उसके दोस्त के बीच हुई बातचीत की थी। इस कर्मचारी ने नशे की हालत में अपने दोस्त को फोन कर बताया कि वह खुद हत्या की घटना का चश्मदीद गवाह है।
उसने बताया कि उसने चार युवकों को महिला की हत्या करते और फिर शव को पेड़ से लटकाते हुए देखा था। डर के कारण उसने यह बात किसी को नहीं बताई थी। लेकिन नशे में उसने यह राज दोस्त के सामने उगल दिया। दोस्त ने इस बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया और बाद में सार्वजनिक कर दिया।
चार आरोपियों की गिरफ्तारी
ऑडियो के सामने आते ही पुलिस को जांच की नई दिशा मिल गई। पुलिस ने तुरंत उस पीडब्ल्यूडी कर्मचारी से पूछताछ की। इसके बाद चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया। ये सभी आरोपी सैंज घाटी के जाहिला क्षेत्र के रहने वाले हैं। पुलिस ने इनसे पूछताछ जारी रखी है।
ग्रामीणों का आरोप है कि आरोपितों ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की और मामले को छिपाने के लिए शव को पेड़ से लटका दिया। हालांकि पुलिस ने अभी तक इस आरोप की पुष्टि नहीं की है। जांच अधिकारी ने बताया कि हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है।
जातिगत पहलू भी हो सकता है मौजूद
इस मामले का एक जातिगत पहलू भी सामने आया है। मृतका अनुसूचित जाति से संबंध रखती है जबकि गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी अगड़ी जाति के हैं। इस आधार पर भी मामले की जांच की जा रही है। पुलिस संभावित सामाजिक तनाव को देखते हुए संवेदनशीलता से काम कर रही है।
पुलिस ने बताया कि मामले की गहराई तक जाने के लिए सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। फॉरेंसिक जांच के परिणामों का भी इंतजार है। इस बात की भी पुष्टि की जा रही है कि क्या वाकई महिला के साथ दुष्कर्म हुआ था या नहीं। पुलिस को इस दिशा में अभी कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
पुलिस जांच पर उठे सवाल
इस पूरे प्रकरण ने पुलिस की जांच प्रक्रिया पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। एक निर्दोष व्यक्ति को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा। पुलिस शुरू से ही गंभीरता से जांच करती तो शायद यह स्थिति नहीं बनती। पीडब्ल्यूडी कर्मचारी के बयान के बाद ही पुलिस को सच का पता चला।
जांच अधिकारी और डीएसपी आनी चंद्रशेखर ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है। सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है। भविष्य में इस तरह की गलतियों से बचने के लिए भी पुलिस गंभीर है।
इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच्चाई चाहे कितनी भी देर से सामने आए, अंततः सामने आ ही जाती है। एक नशे में की गई कॉल ने पूरे मामले का पटाक्षेप कर दिया और एक मासूम व्यक्ति को न्याय मिल सका। पुलिस अब नए सिरे से जांच कर रही है।
