Madhya Pradesh News: सागर जिले के केसली गांव में दिवाली के मौके पर सामाजिक तनाव की घटना सामने आई है। दलित परिवारों के बच्चों द्वारा पटाखे चलाए जाने पर सवर्ण समुदाय के लोग नाराज हो गए। इसके बाद हुई मारपीट की घटना ने गांव का माहौल तनावपूर्ण बना दिया है।
पीड़ित दलित परिवारों की महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकुर परिवार के लोगों ने उनके घरों में घुसकर मारपीट की। महिलाओं ने सुरक्षा की गारंटी मांगते हुए सवाल किया कि वे अपनी सुरक्षा के लिए कहां छिपें।
घटना की पूरी जानकारी
केसली थाना क्षेत्र के दलित परिवारों के बच्चे दिवाली पर पटाखे चलाने में व्यस्त थे। इस दौरान पटाखों की आवाज से गांव के ठाकुर परिवार के लोग नाराज हो गए। ठाकुर परिवार के सदस्यों ने दलित परिवारों के घरों में घुसकर गाली-गलौज और मारपीट की।
महिलाओं ने बताया कि हमलावरों ने उनके घरों में जबरदस्ती घुसकर अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को डराया धमकाया। इस घटना ने पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। पीड़ित परिवार अब पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
महिलाओं ने की एसपी से शिकायत
पीड़ित दलित महिलाओं ने सीधे जिला पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया। उन्होंने विस्तार से पूरी घटना की शिकायत दर्ज कराई। महिलाओं ने बताया कि गांव में उनके परिवारों को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने त्वरित कार्रवाई की मांग की।
एक वीडियो में महिलाओं ने सवाल किया कि क्या दलित परिवारों को दिवाली पर पटाखे चलाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि लाडली बहनें गांव में सुरक्षित नहीं हैं। सरकार को उनकी सुरक्षा का प्रबंध करना चाहिए।
पुलिस ने शुरू की जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी है। केसली थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की सभी पक्षों से बातचीत की जा रही है। पुलिस ने मामले में संबंधित धाराओं में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने गांव में शांति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। दोनों पक्षों से शांतिपूर्ण रहने की अपील की गई है। पुलिस ने किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
गांव में तनावपूर्ण माहौल
इस घटना के बाद गांव का सामाजिक माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। दलित और सवर्ण समुदाय के बीच संबंधों में खटास आ गई है। दलित परिवारों में डर का माहौल है। वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं। प्रशासन को दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित करना चाहिए। गांव में शांति बहाली के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल
पीड़ित महिलाओं ने सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या दलित परिवारों की महिलाएं अपने ही गांव में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने सरकार से स्पष्ट करने को कहा कि वे सुरक्षा के लिए कहां जाएं।
महिलाओं का कहना है कि घरों में घुसकर छेड़छाड़ की जा रही है। लाडली बहनें योजना का लाभ ले रही हैं लेकिन वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर खींचा है। त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
