New Delhi News: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर स्थिति पूरी तरह साफ कर दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा का इस डील पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एस जयशंकर ने दो टूक कहा कि भारत अपनी शर्तों पर दुनिया से रिश्ते निभाता है। किसी भी दूसरे देश को हमारे संबंधों में दखल देने का कोई हक नहीं है।
भारत की आजादी से समझौता नहीं
HT लीडरशिप समिट 2025 में एस जयशंकर से तीखे सवाल पूछे गए। उनसे पूछा गया कि क्या पुतिन के आने से अमेरिका के साथ ट्रेड डील मुश्किल में पड़ जाएगी? विदेश मंत्री ने इस आशंका को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति पूरी तरह स्वतंत्र है। हम अपनी रणनीतिक आजादी (Strategic Autonomy) पर कायम हैं। एस जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत को किसी से यह सीखने की जरूरत नहीं है कि किस देश से दोस्ती रखनी है।
किसानों और मजदूरों के लिए कड़ा मोलभाव
अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर एस जयशंकर ने जनता को भरोसा दिलाया है। भारत सरकार इस समझौते में अपने नागरिकों के हितों को सबसे ऊपर रख रही है। सरकार भारतीय किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों के फायदे के लिए अमेरिका से कड़ा मोलभाव कर रही है। एस जयशंकर ने साफ किया कि अंत में वही समझौता मंजूर होगा जो भारतीय कामगारों और मिडिल क्लास के लिए सुरक्षित और फायदेमंद होगा।
ट्रंप प्रशासन के साथ भी बनेगी बात
विदेश मंत्री ने माना कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का काम करने का तरीका थोड़ा अलग है। इसके बावजूद एस जयशंकर को दोनों देशों के बीच एक अच्छे समझौते की उम्मीद है। मौजूदा विवादों के कारण रिश्तों में कुछ रुकावटें जरूर आई हैं, लेकिन बातचीत जारी है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के अनुसार, इस साल डील का पहला चरण पूरा हो सकता है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक ले जाना है।
