World News: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने के बीच रूस ने एक बड़ा बयान दिया है। भारत में रूसी मिशन के डिप्टी चीफ रोमन बाबूश्किन ने कहा कि रूस के बाजार भारतीय सामानों के लिए हमेशा खुले हैं। उन्होंने अमेरिका की आर्थिक नीतियों की आलोचना की और भारत के साथ मजबूत संबंधों की पुष्टि की।
अमेरिकी टैरिफ की रूस ने की आलोचना
रोमन बाबूश्किन ने अमेरिका के फैसले को गलत बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका अर्थव्यवस्था को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि रूस कभी भी भारत पर इस तरह की पाबंदियां नहीं लगाएगा। दोनों देशों ने हमेशा कठिन समय में एक-दूसरे का साथ दिया है।
तेल आपूर्ति जारी रखने का वादा
रूसी अधिकारी ने पुष्टि की कि भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक मजबूत तंत्र तैयार किया गया है। रूस भारत की तेल जरूरतों का एक प्रमुख हिस्सा पूरा करता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को अन्य देशों की तुलना में अतिरिक्त छूट मिलती है।
व्यापार बढ़ाने पर जोर
बाबूश्किन ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने 2030 तक व्यापार को 100 अरब डॉलर से अधिक करने का लक्ष्य बताया। रूस व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए प्रयास करेगा। भारतीय मशीनरी, फार्मा उत्पादों, चाय और चावल के आयात को बढ़ावा दिया जाएगा।
रक्षा सहयोग मजबूत बना रहेगा
रूसी अधिकारी ने दोनों देशों के रक्षा सहयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल जैसे संयुक्त प्रोजेक्ट का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य की सभी रक्षा परियोजनाओं में रूस भारत का साथी बना रहेगा। एस-400 मिसाइल सिस्टम जैसे सौदे इस सहयोग का प्रमाण हैं।
शीर्ष नेताओं की मुलाकात की संभावना
बाबूश्किन ने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हो सकती है। यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान होगी। हालांकि, उन्होंने पुतिन के भारत दौरे की कोई तारीख पुष्ट नहीं की। दोनों नेताओं के बीच हाल में टेलीफोनिक बातचीत हुई थी।
