शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

रूस-यूक्रेन युद्ध: यूक्रेनी सेना ने रोबोटिक वाहनों से बढ़ाई सैनिकों की सुरक्षा, जानिए कैसे करते हैं काम

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Ukraine News: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष में यूक्रेनी सेना ने एक नई रणनीति अपनाई है। यूक्रेन अब रिमोट-नियंत्रित बख्तरबंद वाहनों का इस्तेमाल कर रहा है। इन वाहनों का उद्देश्य सैनिकों को घातक हमलों और ड्रोन खतरों से बचाना है। ये विशेष वाहन कई तरह के सैन्य कार्यों में सक्षम हैं।

यूक्रेनी सैनिक इन वाहनों को ‘रोबोट ऑन व्हील्स’ कहते हैं। ये वाहन छोटे टैंकों की तरह दिखते हैं। इनका उपयोग रसद पहुंचाने, बारूदी सुरंगें साफ करने और घायल सैनिकों को निकालने में किया जा रहा है। साढ़े तीन साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध में यूक्रेन को सैनिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

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एक यूक्रेनी प्लाटून कमांडर ने बताया कि ये वाहन पूरी तरह से सैनिकों की जगह नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि मानव सैनिक कुछ विशेष मिशनों को ही पूरा कर सकते हैं। इनमें घात लगाना, स्नाइपर तैनात करना और दुश्मन इलाके में टोह लेना शामिल है। रोबोटिक वाहन ऐसे कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

यूक्रेनी कंपनियां इन रोबोटिक वाहनों का निर्माण कर रही हैं। इनकी कीमत वाहन के आकार और क्षमताओं के आधार पर तय होती है। कीमत एक हज़ार अमेरिकी डॉलर से लेकर 64 हज़ार डॉलर तक हो सकती है। ये वाहन यूक्रेन के हज़ार किलोमीटर लंबे मोर्चे पर तैनात सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।

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ऐसे वाहनों का इतिहास द्वितीय विश्व युद्ध तक जाता है। जर्मन सेना ने गोलिएथ नामक रिमोट-नियंत्रित टैंकों का इस्तेमाल किया था। रूसी सेना भी इस तरह के वाहनों का उपयोग करती है। यूक्रेन का यह कदम आधुनिक युद्ध में तकनीक के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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