World News: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग ने खतरनाक मोड़ ले लिया है। शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक रूस ने यूक्रेन पर भीषण ड्रोन और मिसाइल हमले किए। इन हमलों में दो प्रमुख परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बिजली देने वाले सबस्टेशनों को निशाना बनाया गया। हमलों में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई।
यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा ने रूस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि रूस ने जानबूझकर यूरोप की परमाणु सुरक्षा को खतरे में डाला है। उन्होंने इन हमलों को सोची-समझी रणनीति बताया। नीपर शहर में ड्रोन गिरने से तीन लोगों की मौत हुई।
ऊर्जा ढांचे को भारी नुकसान
प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडें को ने बताया कि हमलों से कीव, पोल्टावा और खार्किव में बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई। सरकारी ऊर्जा कंपनी त्सेंट्रेनेर्गो ने इसे फरवरी 2022 के बाद सबसे बड़ा हमला बताया। कंपनी के तीनों संयंत्रों में आग लग गई।
त्सेंट्रेनेर्गो यूक्रेन की कुल बिजली का लगभग आठ प्रतिशत उत्पादन करती है। बिजली उत्पादन शून्य होने से राष्ट्रीय पावर ग्रिड पर गंभीर असर पड़ा। ज़ापोरिज्जिया और खार्किव में चार लोगों की जान गई। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
IAEA से तत्काल बैठक की मांग
विदेश मंत्री सिबिहा ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से तत्काल बैठक बुलाने की मांग की। उन्होंने चीन और भारत से रूस पर दबाव डालने की अपील की। उनका कहना है कि ये हमले विनाशकारी परमाणु दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
रूस पहले भी ज़ापोरिज्जिया संयंत्र के पास गोलाबारी कर चुका है। यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की। राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने विश्व नेताओं से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
रूस ने दिया जवाबी कार्रवाई का बयान
रूस के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला जवाबी कार्रवाई थी। उन्होंने कीव द्वारा रूस के भीतर किए गए ड्रोन हमलों का हवाला दिया। मंत्रालय के मुताबिक रूस ने हथियार उत्पादन इकाइयों पर सटीक हमला किया।
रूस ने ऊर्जा प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया। ज़ेलेंस्की ने बताया कि रूस ने एक ही रात में 450 ड्रोन और 45 मिसाइलें दागीं। यूक्रेनी वायुसेना ने 406 ड्रोन और नौ मिसाइलें गिराने का दावा किया। कुछ मिसाइलें 25 ठिकानों पर गिरीं।
यूरोप में बढ़ी परमाणु सुरक्षा की चिंता
इन हमलों के बाद यूरोपीय देशों में चिंता गहरा गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि परमाणु संयंत्रों के नजदीक हमले जारी रहे तो खतरा बढ़ेगा। यह स्थिति पूरे यूरोप के लिए चिंताजनक बन सकती है। अंतरराष्ट्रीय संगठन निगरानी बढ़ा रहे हैं।
यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से और अधिक वायु रक्षा प्रणालियों की मांग की। देश का कहना है कि बेहतर रक्षा प्रणालियों के बिना ऐसे हमले रोकना मुश्किल है। यूरोपीय संघ ने रूस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।
