International News: रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक नया मोड़ आया है। अमेरिका ने यूक्रेन को NATO जैसी सुरक्षा गारंटी देने की पेशकश की है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने इस पेशकश को ‘ऐतिहासिक निर्णय’ बताया है।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने यूक्रेन को NATO के अनुच्छेद 5 जैसी सुरक्षा गारंटी देने का संकेत दिया है। इसके तहत यूक्रेन पर किसी भी हमले को अमेरिका और उसके सहयोगियों पर हमला माना जाएगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस प्रस्ताव पर सहमत नजर आ रहे हैं।
जेलेंस्की ने क्या कहा?
जेलेंस्की ने कहा, “यह सुरक्षा गारंटी बेहद जरूरी है। इसे यूरोप के साझे प्रयास से तैयार किया जाना चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि इस गारंटी में जमीन, हवा और समुद्र तीनों स्तरों पर सुरक्षा शामिल होनी चाहिए।
क्या हुई बैठक में?
रविवार को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत कई यूरोपीय देशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई। जेलेंस्की ने इस बैठक को ‘उत्पादक’ बताया। सभी पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि किसी देश की सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जाना चाहिए।
क्या है NATO का अनुच्छेद 5?
NATO के अनुच्छेद 5 के तहत किसी एक सदस्य देश पर हमले को सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाता है। पुतिन लंबे समय से यूक्रेन के NATO में शामिल होने का विरोध करते रहे हैं। अमेरिका अब यूक्रेन को NATO की सदस्यता दिए बिना ही इसी तरह की सुरक्षा गारंटी देने पर विचार कर रहा है।
क्या है अमेरिका की रणनीति?
अमेरिका यूक्रेन को NATO का सदस्य बनाए बिना ही उसे सुरक्षा गारंटी देना चाहता है। इससे रूस को भी सहमत कराने में मदद मिल सकती है। विटकॉफ ने कहा, “यह पहली बार है जब रूस ऐसी बात के लिए सहमत हुआ है।”
आगे क्या होगा?
इस प्रस्ताव पर अभी और चर्चा होनी बाकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह समझौता होता है तो यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम होगा। हालांकि, अभी तक धरातल पर कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
