Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पीएम आदर्श ग्राम योजना के तहत 53 गांवों को आदर्श घोषित किया गया। जिला प्रशासन और कल्याण विभाग ने बचे 11 गांवों को ग्रामीण विकास के तहत आदर्श बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी। केंद्र सरकार ने 64 गांवों के लिए 12 करोड़ 80 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया। प्रत्येक गांव को 20 लाख रुपये मिले। योजना का लक्ष्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है।
केंद्र का बजट आवंटन
केंद्र सरकार ने चयनित गांवों के लिए 20-20 लाख रुपये का बजट दिया। इस राशि से सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। बचे 11 गांवों के लिए भी जल्द बजट मिलने की उम्मीद है। ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की वेबसाइट पर योजना की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।
योजना का उद्देश्य
पीएम आदर्श ग्राम योजना का लक्ष्य 50% से अधिक अनुसूचित जनसंख्या वाले गांवों का एकीकृत विकास है। ग्रामीण विकास के तहत पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और आवास जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। योजना में 10 कार्यक्षेत्रों के 50 संकेतकों में सुधार पर ध्यान है। इसका मकसद असमानताएं कम करना और ग्रामीणों को सम्मानजनक जीवन देना है। कांगड़ा के 53 गांव इस दिशा में आगे बढ़ चुके हैं।
बचे गांवों पर फोकस
कांगड़ा के 11 गांवों को आदर्श बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इनमें बैजनाथ के सकड़ी खास, धर्मशाला के सोकणी द कोट, फतेहपुर के हारा, इंदौरा के चुहारपुर और रैत के दरगेला शामिल हैं। जिला प्रशासन इन गांवों में ग्रामीण विकास के लिए कार्य कर रहा है। केंद्र से बजट मिलने पर इन गांवों को भी जल्द आदर्श घोषित किया जाएगा।
आदर्श गांवों की सूची
कांगड़ा के 53 गांव आदर्श बन चुके हैं। इनमें बैजनाथ के धानग, कोटली, भवारना के रजेहड़, देहरा गोपीपुर के सनोट, फतेहपुर के छब्बड़, इंदौरा के बांथ, लंबागांव के मंझोटी, नूरपुर के कद्रोह, पंचरुखी के सलेहरा और रैत के कनोल जैसे गांव शामिल हैं। इन गांवों में बुनियादी सुविधाएं बेहतर हुई हैं। प्रशासन ने इनके विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
कल्याण अधिकारी का बयान
जिला कल्याण अधिकारी साहिल मांडला ने बताया कि 64 में से 53 गांव आदर्श बन चुके हैं। बचे 11 गांवों के लिए कार्य प्रगति पर है। 70 अंकों की कसौटी पूरी होने और बजट मिलने पर ये गांव भी आदर्श घोषित होंगे। ग्रामीण विकास के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। योजना से गांवों में बुनियादी सुविधाओं का स्तर सुधर रहा है।
