Finance News: भारत में सोना निवेश और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आयकर विभाग ने घर में सोना रखने की सीमा तय की है। विवाहित महिलाएं 500 ग्राम, अविवाहित महिलाएं 250 ग्राम और पुरुष 100 ग्राम सोना रख सकते हैं। इस सीमा तक सोना रखने पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होती है।
सोना रखने की कानूनी सीमा
आयकर विभाग ने विभिन्न श्रेणियों के लिए सोना रखने की अलग-अलग सीमाएं निर्धारित की हैं। यह सीमाएं उस सोने पर लागू होती हैं जिसके पास उचित दस्तावेज नहीं हैं। यदि आपके पास सोने की खरीद के मूल बिल हैं तो आप अधिक मात्रा में सोना रख सकते हैं। दस्तावेजों के अभाव में सीमा से अधिक सोना रखने पर समस्याएं हो सकती हैं।
दस्तावेजों का महत्व
सोना खरीदते समय मूल बिल लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आपके पास सोने की खरीद के सभी दस्तावेज हैं तो आप किसी भी मात्रा में सोना रख सकते हैं। आयकर विभाग की जांच के दौरान इन दस्तावेजों को प्रस्तुत किया जा सकता है। दस्तावेजों के अभाव में अतिरिक्त सोना जब्त भी किया जा सकता है।
आयकर रिटर्न में घोषणा
बड़ी मात्रा में सोना खरीदने पर इसे आयकर रिटर्न में घोषित करना चाहिए। इससे भविष्य में किसी भी कानूनी समस्या से बचा जा सकता है। सोना बेचने या गिरवी रखने के समय भी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। आयकर रिटर्न में संपत्ति की घोषणा करने से पारदर्शिता बनी रहती है।
जांच के दौरान सावधानियां
आयकर विभाग की जांच के दौरान सोने के स्रोतों को साबित करना आवश्यक होता है। यदि घोषित आय और पाए गए सोने में अंतर होता है तो जांच शुरू हो सकती है। इसलिए सोना खरीदने के सभी लेनदेन पारदर्शी तरीके से करने चाहिए। उचित दस्तावेजों के साथ सोना रखने पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होती।
सोना भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है परंतु कानूनी नियमों का पालन आवश्यक है। सोना खरीदते समय हमेशा अधिकृत ज्वैलर्स से ही खरीदारी करें। खरीदारी के बाद सभी बिल और दस्तावेज सुरक्षित रखें। आयकर रिटर्न में सोने की घोषणा करने से भविष्य की समस्याओं से बचा जा सकता है।
