शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

आरएसएस: संघ के शताब्दी वर्ष में हिमाचल के कोटली में हुआ ऐतिहासिक पथ संचलन

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Himachal News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के कोटली खंड में एक विशाल पथ संचलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कोटली बाजार में घोष के साथ मार्च किया। संघ के प्रदीप शर्मा ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संगठन के सौ वर्षों के योगदान और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला।

इस ऐतिहासिक आयोजन में कार्यक्रम अध्यक्ष कैप्टन दलीप ठाकुर, परम देव शास्त्री और कर्नल टी पी प्रताप राणा जैसे गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। उन्होंने संघ के शताब्दी समारोहों के तहत आयोजित इस उत्सव में स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया। यह कार्यक्रम संघ की बढ़ती हुई पहुंच और सामाजिक एकता को प्रदर्शित करता है।

प्रदीप शर्मा ने अपने बौद्धिक वक्तव्य में कहा कि संघ का सौ वर्ष का सफर पूरा हो गया है। उन्होंने संघ की तुलना एक विशाल वट वृक्ष से की जिसकी अनेक शाखाएं हिंदुत्व के संरक्षण और सनातन संस्कृति के प्रचार में लगी हुई हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संगठन हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक सशक्त भारत के निर्माण में संलग्न है।

शर्मा ने संघ के संस्थापक डॉ. केशव राम बलीराम हेडगेवार को याद किया। उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने जिस मजबूत भारत की नींव रखी थी, वह अब एक भव्य महल का रूप ले चुकी है। सौ वर्षों में आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन गया है जो देश की मजबूती का आधार है।

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शताब्दी वर्ष में संघ के पांच प्रमुख लक्ष्य

शताब्दी वर्ष के विशेष अवसर पर संघ ने पांच प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है। इनमें देश के हर कस्बे में शाखा स्थापित करना एक प्रमुख लक्ष्य है। संगठन का मानना है कि जब देश का हर बच्चा संघ और हिंदुत्व से जुड़ेगा, तभी भारत के विश्व गुरु बनने का सपना साकार हो पाएगा।

संघ ने इस वर्ष हिमाचल प्रदेश के सत्रह लाख अस्सी हजार घरों तक सीधा संपर्क करने का लक्ष्य रखा है। स्वयंसेवक इन घरों में जाकर लोगों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित करेंगे। यह अभियान संगठन की जनसंपर्क को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है।

प्रदीप शर्मा ने आपदा के समय संघ के कार्यकर्ताओं के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जब भी देश पर कोई संकट आया है, संघ के स्वयंसेवक देवदूत की तरह सामने आए हैं। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों में संगठन की सक्रिय भूमिका को याद दिलाया।

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सनातन संस्कृति का संदेश

शर्मा ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति सभी का आदर करना सिखाती है। संघ इसी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रसार के लिए काम कर रहा है। कोटली में आयोजित यह पथ संचलन इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संकल्प लिया।

संघ के इस विशेष कार्यक्रम ने स्थानीय लोगों में उत्साह का संचार किया। स्वयंसेवकों ने एकजुटता और अनुशासन का प्रदर्शन करते हुए पथ संचलन पूरा किया। यह आयोजन संगठन की बढ़ती सामाजिक स्वीकार्यता और प्रभाव का प्रतीक बन गया।

इस शताब्दी वर्ष में आरएसएस द्वारा शुरू किए गए नए अभियानों के बारे में जानकारी दी गई। संगठन का लक्ष्य समाज के हर वर्ग तक पहुंचना और राष्ट्रभक्ति की भावना को मजबूत करना है। कोटली का कार्यक्रम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

स्थानीय निवासियों ने इस आयोजन को सकारात्मक रूप से लिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में एकता और राष्ट्रप्रेम की भावना को बढ़ावा देते हैं। संघ के स्वयंसेवकों के प्रयासों की सभी ने सराहना की।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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