Himachal News: लाहौल-स्पीति प्रशासन ने रोहतांग दर्रे को पर्यटकों के लिए आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार, ग्रांफू से रोहतांग और जिंगजिंगबार से सरचू तक एनएच-03 पर वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध अगले छह महीनों तक जारी रहेगा, जिससे देश-विदेश से आने वाले सैलानियों को रोहतांग का दीदार करने के लिए इंतजार करना होगा।
हर साल की तरह इस बार भी बढ़ती हुई बर्फबारी और कड़ाके की ठंड ने यात्रा को जोखिम भरा बना दिया है। सुबह और रात के समय तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाता है। इसके कारण सड़कों पर बर्फ जम जाती है और वे फिसलन भरी हो जाती हैं। इन खतरनाक परिस्थितियों में दुर्घटनाओं का खतरा काफी बढ़ गया है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही प्रशासन ने यह कड़ा कदम उठाया है।
हालांकि, पर्यटकों के लिए कुछ राहत की बात भी है। अटल टनल के रास्ते कोकसर से लगभग छह किलोमीटर दूर ग्रांफू के आसपास के इलाके में लोग अब भी बर्फबारी का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके अलावा, लाहौल घाटी में प्रवेश कर चुके पर्यटकों के लिए अन्य कई खूबसूरत स्थलों तक पहुंच बनी रहेगी। इनमें सिस्सू, स्नो स्वाइंट यांगला, और केलांग जैसे स्थान शामिल हैं।
पर्यटक उदयपुर, त्रिलोकनाथ स्थित अवलोकितेश्वर मंदिर, जिस्पा और दारचा जैसे स्थानों का भी भ्रमण कर सकेंगे। लाहौल-स्पीति की उपायुक्त किरण भड़ाना ने स्पष्ट किया कि वीरवार से एनएच-03 के इन दोनों खंडों पर किसी भी तरह के वाहन के जाने पर पाबंदी है। यह फैसला स्थानीय प्रशासन द्वारा जारिश किए गए सुरक्षा मानकों के आधार पर लिया गया है।
रोहतांग दर्रा समुद्र तल से लगभग 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह मनाली को लेह से जोड़ने वाली मनाली-लेह हाईवे पर एक महत्वपूर्ण कड़ी है। सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी के कारण इस दर्रे को हर साल बंद किया जाता है। यह दर्रा न केवल पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण यात्रा मार्ग है।
सर्दियों में इस क्षेत्र का मौसम अत्यंत ही विषम और अप्रत्याशित हो जाता है। अचानक हिमस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। सड़कों पर बर्फ जमने से वाहनों के फिसलने का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। इन्हीं सब जोखिमों को कम करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह प्रतिबंध लगाना जरूरी हो गया था।
प्रशासन का यह निर्णय स्थानीय व्यवसायियों और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के लिए एक चुनौती बन गया है। रोहतांग दर्रा बंद होने से इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आएगी। इसका सीधा असर होटलों, ट्रैवल एजेंसियों और स्थानीय दुकानदारों की आय पर पड़ेगा। हालांकि, सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
इस बंदी के बावजूद, लाहौल-स्पीति की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को देखने का अवसर अभी भी मौजूद है। पर्यटक घाटी के अंदरूनी हिस्सों में स्थित ऐतिहासिक मंदिरों और खूबसूरत गांवों की यात्रा कर सकते हैं। ये स्थान सर्दियों में बर्फ से ढके रहते हैं और एक अलग ही तरह का अनुभव प्रदान करते हैं।
स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था भी की है। अटल टनल के माध्यम से ग्रांफू तक पहुंचकर लोग बर्फ से खेल सकते हैं और फोटोग्राफी कर सकते हैं। इससे पर्यटकों की रोहतांग जाने की इच्छा कुछ हद तक पूरी हो सकेगी। यह टनल सर्दियों में भी यातायात के लिए सुरक्षित और खुला रहता है।
आने वाले छह महीने तक रोहतांग दर्रे तक वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। प्रशासन की ओर से जारी अधिसूचना में इसकी पुष्टि की गई है। यह प्रतिबंध स्थानीय निवासियों सहित सभी प्रकार के निजी और व्यावसायिक वाहनों पर लागू होगा। केवल आपातकालीन सेवाओं और प्रशासनिक कार्यों के लिए ही कुछ छूट दी गई है।
इस अवधि के दौरान सुरक्षा एजेंसियां नियमित गश्त जारी रखेंगी। वे मौसम की निगरानी करती रहेंगी और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेंगी। स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों और पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे इस निर्देश का पालन करें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
