Himachal News: रोहड़ू के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका द्वारा स्कूली छात्र के साथ अमानवीय अत्याचार का मामला सामने आया है। पुलिस ने शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बाल कल्याण समिति की शिकायत पर दो अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
यह घटना दो जुलाई को राजकीय प्राथमिक स्कूल गावना में हुई। पुलिस ने धारा 115(2), 3(5) बीएनएस और 75 किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। डीएसपी रोहड़ू प्रणव चौहान ने मामले की पुष्टि की है।
वीडियो में दर्ज हुआ पूरा घटनाक्रम
घटना का वीडियो सामने आया है जिसमें एक महिला और एक पुरुष कमरे में कुर्सियों पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। ये दोनों व्यक्ति अत्याचार होते हुए देख रहे थे लेकिन चुपचाप बैठे रहे। उन्होंने बच्चे की मदद के लिए कोई आवाज नहीं उठाई।
पुलिस ने इन दोनों लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। उन पर अत्याचार रोकने में विफल रहने का आरोप है। वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि ये लोग मूक दर्शक बने रहे। उन्होंने घटना को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया।
पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया मामला
रोहड़ू पुलिस थाने में最初 में केवल शिक्षिका के खिलाफ ही मामला दर्ज हुआ था। जांच आगे बढ़ने पर पुलिस ने दो अन्य लोगों को भी शामिल किया। ये तीनों आरोपी घटना के समय मौजूद थे। पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
डीएसपी प्रणव चौहान ने बताया कि बाल कल्याण समिति की शिकायत पर कार्रवाई हुई। समिति के अध्यक्ष संतोष शर्मा ने ईमेल के माध्यम से जानकारी दी थी। पुलिस ने तुरंत संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।
बाल अधिकारों का हनन का गंभीर मामला
यह मामला बाल अधिकारों के गंभीर उल्लंघन का है। एक शिक्षिका द्वारा बच्चे के साथ दुर्व्यवहार चिंताजनक है। स्कूल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर ऐसी घटना और भी गंभीर है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है।
बाल कल्याण समिति ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले को पुलिस के ध्यान में लाया। समिति बच्चे के हितों की रक्षा के लिए कार्य कर रही है। पीड़ित बच्चे को कानूनी सहायता और परामर्श दिया जा रहा है।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई
घटना के बाद शिक्षा विभाग ने भी कार्रवाई शुरू की है। आरोपी शिक्षिका को निलंबित किया जा सकता है। विभाग की जांच समिति भी मामले की छानबीन करेगी। स्कूल प्रबंधन की भूमिका भी जांच के दायरे में है।
विभाग ने सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। शिकायत दर्ज करने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
समाजिक कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
समाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि शिक्षकों का दायित्व बच्चों की रक्षा करना है। ऐसी घटनाएं समाज के लिए शर्मनाक हैं। कार्यकर्ता त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं।
बाल संरक्षण कानूनों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के उपायों को मजबूत करने की जरूरत है। शिक्षकों का चयन करते समय पृष्ठभूमि की जांच अनिवार्य होनी चाहिए।
