Bihar News: बिहार में चिकित्सा क्षेत्र में इतिहास रचा गया। जय प्रभा मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटना में पहली बार रोबोटिक सर्जरी से हार्ट बाइपास किया गया। डॉ. अरविंद कुमार गोयल के नेतृत्व में यह जटिल सर्जरी 55 वर्षीय मरीज पर सफल रही। रोबोटिक तकनीक से सर्जरी कम दर्दनाक और तेज रिकवरी वाली थी।
रोबोटिक सर्जरी की खासियत
रोबोटिक-असिस्टेड सर्जरी में पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी के विपरीत छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इससे मरीज को कम दर्द, न्यूनतम रक्तस्राव और कम संक्रमण का खतरा होता है। यह तकनीक सर्जन की विशेषज्ञता को रोबोट की सटीकता के साथ जोड़ती है। मरीज तीन से पांच दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज हो सकता है। यह बिहार के लिए चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है।
डॉ. अरविंद गोयल का योगदान
जय प्रभा मेदांता के कार्डियोथोरेसिक विभाग के निदेशक डॉ. अरविंद कुमार गोयल ने इस सर्जरी को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी से मरीज जल्दी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन में लौट सकते हैं। बिहारवासियों को अब विश्वस्तरीय उपचार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इस तकनीक से सर्जरी की सटीकता बढ़ती है। अधिक जानकारी के लिए मेदांता की वेबसाइट देखें।
मेदांता का मिशन
हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रविशंकर सिंह ने बताया कि यह सर्जरी मेदांता के मिशन का हिस्सा है। उनका लक्ष्य बिहार में ही सर्वोत्तम हृदय चिकित्सा सुविधाएं देना है। रोबोटिक तकनीक से मरीजों को तेज रिकवरी और बेहतर इलाज मिलेगा। यह तकनीक गंभीर हृदय रोगियों के लिए वरदान है। सर्जरी का समय भी काफी कम हो गया है।
मरीजों को मिलने वाले लाभ
रोबोटिक हार्ट बाइपास सर्जरी से मरीजों को कई लाभ मिलते हैं। छोटे चीरों के कारण दर्द कम होता है और रिकवरी तेज होती है। पारंपरिक सर्जरी में 12-15 दिन लगते हैं, जबकि रोबोटिक सर्जरी में मरीज पांच दिन में डिस्चार्ज हो सकता है। यह तकनीक बिहार में चिकित्सा के नए युग की शुरुआत है।
बिहार में चिकित्सा का नया दौर
इस सर्जरी ने बिहार के चिकित्सा क्षेत्र में नई संभावनाएं खोली हैं। जय प्रभा मेदांता ने साबित किया कि राज्य में विश्वस्तरीय उपचार संभव है। रोबोटिक तकनीक से भविष्य में और अधिक जटिल सर्जरी आसानी से हो सकेंगी। यह बिहारवासियों के लिए गर्व का क्षण है।
