Kangra News: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एक भीषण सड़क हादसा हुआ है। मंगलवार को नवरात्र के मौके पर मां चामुंडा मंदिर जा रहे श्रद्धालुओं का ट्रक ढलियारा के पास पलट गया। इस दुर्घटना में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। बीस से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें छह की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी पीड़ित पंजाब के बठिंडा जिले के निवासी हैं।
यह दुर्घटना एनएच 503 पर ढलियारा के खतरनाक मोड़ पर हुई। ट्रक सड़क किनारे लगे बैरिकेड्स से टकराकर पलट गया और खाई में जा गिरा। ट्रक में श्रद्धालुओं के साथ-साथ लंगर का सामान भी लदा हुआ था। वाहन में रखे दर्जनभर गैस सिलेंडर के न फटने से बड़ी त्रासदी टली है। स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर घायलों को अस्पताल पहुंचाया।
हादसे का क्रम
हादसे से पहले यह ट्रक धर्मशाला से होशियारपुर जा रही एक एचआरटीसी बस से टकरा गया था। टक्कर के बाद ट्रक चालक ने वाहन को तेजी से आगे बढ़ाया। इस दौरान कुछ डरे हुए श्रद्धालु चलते ट्रक से कूद गए। थोड़ी दूर जाकर राधा स्वामी सत्संग भवन के पास ट्रक का नियंत्रण खत्म हो गया और वह पलट गया। चालक की लापरवाही इस पूरी घटना का मुख्य कारण प्रतीत होती है।
घायलों को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया। छह गंभीर रूप से घायल लोगों का इलाज टांडा मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। बाकी घायलों का उपचार सिविल अस्पताल देहरा में किया जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
मामले की जांच शुरू कर दी गई है। देहरा के एसपी मयंक चौधरी ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि सामान ढोने वाले वाहनों में यात्रियों को ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। ऐसी लापरवाही बड़े हादसों को जन्म दे सकती है। पुलिस ने इस संबंध में सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है।
एसपी ने बताया कि आज ही पुलिस विभाग की बैठक बुलाई जाएगी। इसमें सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे। उन्हें कहा जाएगा कि गुड्स वाहनों में किसी भी हालत में श्रद्धालुओं या यात्रियों को सफर न करने दें। नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी की ओर इशारा करती है। खासकर पहाड़ी इलाकों में वाहन चलाते समय अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है। ढलियारा का मोड़ पहले भी कई दुर्घटनाओं का गवाह रह चुका है। अधिकारियों का मानना है कि नियमों का पालन करके ऐसे हादसों से बचा जा सकता था।
मृतकों की पहचान की जा रही है। प्रशासन घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था कर रहा है। मरने वालों के परिवारों को मुआवजे का प्रावधान किया जा सकता है। इस दुखद घटना ने नवरात्र के पावन माहौल में शोक की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवारों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।
