Himachal News: शिमला में फोरलेन निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। भट्टाकुफ़र चौक पर सड़क का एक बड़ा हिस्सा अचानक धंस गया। यह घटना तब हुई जब एचआरटीसी की एक स्कूल बस वहां से गुजर रही थी। सड़क धंसने से एक गहरा गड्ढा बन गया जिसमें एक स्कूली छात्रा गिर गई। स्थानीय लोगों ने रस्सी की मदद से बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।
यह घटना फोरलेन निर्माण कार्य के अधीन चल रहे हिस्से में हुई। स्कूल बस के मोड़ते समय अचानक सड़क धंस गई। इससे बस गिरते-गिरते बची। स्थानीय लोगों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्ची को बचाया। बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है और उसे किसी प्रकार की चोट नहीं आई। इस घटना ने फोरलेन निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने जताई नाराजगी
हिमाचल सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने एनएचएआई के फोरलेन निर्माण कार्य की गुणवत्ता और लापरवाही पर सवाल उठाए। मंत्री ने कहा कि यह घटना अत्यंत चिंताजनक है और घटिया कार्यप्रणाली की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि अब सीधे तौर पर बच्चों की जान खतरे में पड़ रही है।
मंत्री ने याद दिलाया कि फोरलेन निर्माण की कथित लापरवाही के कारण पहले भी कई समस्याएं सामने आ चुकी हैं। कई इमारतें ढह चुकी हैं और कई खतरे की कगार पर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता की जान के साथ ऐसा खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंत्री ने तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
केंद्रीय मंत्री से की गई मांग
अनिरुद्ध सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इस घटना का तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने मामले में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। मंत्री का कहना है कि ऐसी जानलेवा दुर्घटनाओं को भविष्य में रोकना जरूरी है। उन्होंने एनएचएआई की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता जताई है।
इस घटना ने स्थानीय निवासियों में भी गुस्सा पैदा किया है। लोग फोरलेन निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर लंबे समय से चिंता जता रहे थे। आज की यह घटना उनकी चिंताओं को सही साबित करती है। स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं से बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।
पहले भी उठ चुके हैं सवाल
फोरलेन निर्माण कार्य को लेकर यह पहली बार नहीं है जब सवाल उठे हैं। पिछले कुछ महीनों में कई बार निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर चिंता जताई जा चुकी है। कुछ इमारतों के ढहने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। विशेषज्ञों ने भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी की ओर इशारा किया है।
आज की यह घटना न केवल शिमला बल्कि पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है। सड़क सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है और ऐसी घटनाएं जनजीवन के लिए खतरा पैदा करती हैं। अधिकारियों को इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए। लोगों का सड़कों पर सुरक्षित यात्रा करना उनका मूल अधिकार है।
भविष्य की चुनौतियां
इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का है। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी और गुणवत्ता जांच जरूरी है। सड़क सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस घटना ने एक बार फिर इस बात की याद दिला दी है कि निर्माण कार्यों में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। अब सबकी नजरें अधिकारियों की कार्रवाई पर टिकी हैं। लोग चाहते हैं कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
