Himachal News: भरतगढ़ से ककराला होकर हिमाचल प्रदेश जाने वाली सड़क की खस्ता हालत ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता एम.पी. शर्मा ने बताया कि इस रोड की हालत बेहद खराब है। पंजाब और हिमाचल सरकार तथा लोक निर्माण विभाग ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।
लंबे समय से पुल का निर्माण न होने के कारण रोजाना हिमाचल जाने वाले लोगों के वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। मोटरसाइकिल सवारों और कार चालकों को भारी परेशानी हो रही है। सड़क की हालत इतनी खराब है कि रोजाना दुर्घटनाएं हो रही हैं।
भारी वाहनों ने बिगाड़ी सड़क की हालत
भारी टिप्परों की लगातार आवाजाही के कारण सड़क में गहरे गड्ढे बन गए हैं। ये गड्ढे इतने बड़े हैं कि छोटे वाहन उनमें फंस जाते हैं। बारिश के मौसम में तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है। गड्ढों में पानी भरने से हादसों का खतरा बढ़ जाता है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि वाहनों के पुर्जे अक्सर खराब हो जाते हैं। वाहनों की मरम्मत पर हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं। लोगों को रोजाना के सफर में घंटों लग जाते हैं। समय की बर्बादी के साथ-साथ पैसों का भी नुकसान हो रहा है।
ककराला में अवैध टोल प्लाजा का मामला
ककराला इलाके में ग्रामीणों ने सड़क पर अवैध टोल प्लाजा बना दिया है। इस टोल प्लाजा से लोगों को खुलेआम लूटा जा रहा है। सवाल उठ रहा है कि जब सड़क है ही नहीं, तो टोल का क्या औचित्य है। लोग बिना सुविधाओं के टोल टैक्स देने को मजबूर हैं।
एम.पी. शर्मा ने इस अवैध टोल प्लाजा के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि यह स्थानीय लोगों की मनमानी है। प्रशासन को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए। टोल वसूलने वाले लोगों से कोई अधिकार पत्र नहीं दिखा पाते।
लोगों से संघर्ष की अपील
एम.पी. शर्मा ने स्थानीय लोगों से इस समस्या के समाधान के लिए संघर्ष करने की अपील की है। उनका मानना है कि जन दबाव के बिना सरकार कार्रवाई नहीं करेगी। पंजाब और हिमाचल प्रदेश सरकार को संयुक्त रूप से इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।
लोक निर्माण विभाग को तत्काल सड़क मरम्मत का काम शुरू करना चाहिए। पुल निर्माण का काम भी शीघ्र पूरा किया जाना जरूरी है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला।
यातायात व्यवस्था पर प्रभाव
खराब सड़कों के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। वाहन चालकों को लंबे ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड के वाहनों को भी दिक्कत होती है। स्कूली बच्चों की बसों को भी परेशानी हो रही है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि सड़क की खराब हालत के कारण व्यापार प्रभावित हुआ है। माल ढुलाई में देरी हो रही है। कच्चे माल की आपूर्ति समय पर नहीं हो पाती। इससे औद्योगिक इकाइयों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सुरक्षा संबंधी चिंताएं
रात के समय सड़क पर यात्रा और भी जोखिम भरी हो जाती है। अपर्याप्त रोशनी के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। कई बार वाहन चालक गड्ढों को समय पर नहीं देख पाते। इससे अचानक ब्रेक लगाने पर पीछे से टक्कर होने का डर रहता है।
पैदल यात्रियों के लिए भी स्थिति चुनौतीपूर्ण है। सड़क के किनारे फुटपाथ नहीं होने के कारण लोगों को सड़क पर चलना पड़ता है। टूटी-फूटी सड़क पर वाहन चालकों का नियंत्रण खोने का खतरा बना रहता है। स्थानीय प्रशासन को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
