शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

सड़क हादसा: कुरनूल बस आग में 20 लोगों की मौत, ड्राइवर के जाली दस्तावेज और शराबी बाइक सवार की लापरवाही ने ली निर्दोष जान

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Andhra Pradesh News: कुरनूल में एक डबल डेकर बस में लगी भीषण आग में 20 लोगों की मौत हो गई। यह हादसा एक शराबी मोटरसाइकिल सवार की लापरवाही और बस ड्राइवर द्वारा जाली शैक्षणिक प्रमाण पत्र इस्तेमाल करने की वजह से हुआ। घटना ने राजमार्ग सुरक्षा प्रोटोकॉल में गंभीर खामियों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। पुलिस ने बस ड्राइवर मिरियाला लक्ष्मैया को गिरफ्तार कर लिया है।

जांच में पता चला कि बस ड्राइवर ने केवल पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। उसने भारी वाहन चलाने का लाइसेंस हासिल करने के लिए जाली दसवीं कक्षा के सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया। परिवहन वाहन चालक के लाइसेंस के नियमों के अनुसार कम से कम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। लेकिन जाली दस्तावेजों के जरिए अक्सर इन नियमों का उल्लंघन होता रहता है।

यह दुखद घटना शुक्रवार शाम कुरनूल के चिन्ना टेकुरु इलाके में घटी। दो मोटरसाइकिल सवार सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हो गए। उनकी बाइक बेकाबू होकर रोड डिवाइडर से जा टकराई। इस हादसे में मोटरसाइकिल चालक शिवा शंकर की मौके पर ही मौत हो गई। उसके पीछे बैठे सवार एरी स्वामी को चोटें आईं।

एरी स्वामी ने शिवा शंकर के शव को सड़क के किनारे खींचा। इसी दौरान एक डबल डेकर बस ने उसके ऊपर से टक्कर मार दी। बस मोटरसाइकिल के ऊपर से निकल गई और बाइक बस के नीचे दब गई। माना जा रहा है कि रगड़ की वजह से बाइक के पेट्रोल टैंक में आग लग गई। इसके बाद भीषण आग की लपटों ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया।

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आग इतनी तेज थी कि बस के ऊपरी डेक में सवार 19 यात्री सुरक्षित निकल नहीं पाए। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं निचले डेक के कुछ यात्री इमरजेंसी एग्जिट के जरिए बस से बाहर निकलने में सफल रहे। इस तरह एक सड़क दुर्घटना ने बड़े हादसे का रूप ले लिया।

ड्राइवर की गिरफ्तारी और जांच

बस ड्राइवर मिरियाला लक्ष्मैया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गहन जांच के बाद उसके जाली दस्तावेज जमा करने का मामला सामने आया। लाइसेंस बनवाते समय उसने अपनी शैक्षिक योग्यता के झूठे प्रमाण पत्र जमा किए थे। इस पूरे मामले में लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।

पुलिस मृतक यात्रियों की पहचान का काम पूरा कर चुकी है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने इस घटना में गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

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सड़क सुरक्षा पर सवाल

यह घटना सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। एक तरफ जहां नशे की हालत में वाहन चलाना दुर्घटनाओं का बड़ा कारण है। वहीं दूसरी ओर लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी जानलेवा साबित हो रही है। इस घटना ने परिवहन विभाग की जवाबदेही पर भी ध्यान केंद्रित कर दिया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि लाइसेंसिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्ती जरूरी है। ड्राइवरों के प्रशिक्षण और योग्यता सत्यापन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही सड़कों पर यातायात नियमों के पालन पर भी कड़ाई से अमल कराने की जरूरत है।

इस दुर्घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सड़क सुरक्षा के मामले में लापरवाही भारी पड़ सकती है। एक व्यक्ति की गलती कई परिवारों का सहारा छीन सकती है। इसलिए सड़क सुरक्षा नियमों का पालन हर हाल में करना चाहिए। सरकार को भी इन नियमों के क्रियान्वयन पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।

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