UK News: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। एक शख्स ने उन्हें धमकी भरा ईमेल भेजा था जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत ने इस मामले में आरोपी को जेल भेजने का फैसला सुनाया है। लियाम शॉ नाम के इस आरोपी ने पिछले साल जून में यह धमकी भरा संदेश भेजा था। उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
आरोपी की पहचान और कार्यवाही
इस मामले का आरोपी लियाम शॉ है जो उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड के मर्सीसाइड क्षेत्र का रहने वाला है। उसने ऋषि सुनक के सार्वजनिक संसदीय ईमेल पते पर दो धमकी भरे और आपत्तिजनक ईमेल भेजे थे। क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के अनुसार इन ईमेल को सुनक के व्यक्तिगत सहायक ने देखा था। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी थी जिसके बाद मामले की जांच शुरू हुई।
मामले की जांच और गिरफ्तारी
पुलिस ने मोबाइल फोन से भेजे गए इन ईमेल का पता लगाया और लियाम शॉ को तीन सितंबर दो हज़ार चौबीस को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने दावा किया कि उसे ईमेल भेजने की बात याद नहीं है। उसने कहा कि वह शायद नशे की हालत में था जब उसने यह संदेश भेजे थे। उसे लिवरपूल के एक पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहां उसने कोई बयान देने से इनकार कर दिया था।
अदालती प्रक्रिया और सजा
आरोपी पर सार्वजनिक संचार नेटवर्क के जरिए आपत्तिजनक और धमकी भरे संदेश भेजने के दो आरोप लगाए गए थे। पिछले महीने लिवरपूल मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होने पर उसने दोनों आरोपों को स्वीकार कर लिया। अदालत ने उसे चौदह सप्ताह की जेल की सजा सुनाई है जिसे कुछ शर्तों के साथ बारह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। उसे बीस दिन की पुनर्वास गतिविधियों में भाग लेना होगा।
अतिरिक्त दंड और प्रतिबंध
अदालत ने आरोपी को छह महीने का नशा मुक्ति कोर्स पूरा करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने उस पर दो साल का रिस्ट्रेनिंग ऑर्डर भी लगाया है जिसके तहत वह इस अवधि में ऋषि सुनक या उनके कार्यालय से कोई संपर्क नहीं रख सकता है। सीपीएस के वरिष्ठ अभियोजक मैथ्यू डिक्सन ने कहा कि नस्लीय दुर्व्यवहार का आज के समय में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने इस तरह की धमकियों को गंभीरता से लेने पर जोर दिया।
