हरियाणा के रेवाड़ी में फास्ट ट्रैक कोर्ट की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्चना यादव ने गुरुवार को नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म करने के मामले में दो दोषियों को कोर्ट ने अलग-अलग 10 वर्ष की सजा सुनाई और दोनों पर 24 हजार रुपये जुर्माना भी किया।
जिला के एक गांव निवासी व्यक्ति ने पुलिस में दी शिकायत में बताया था कि 18 मार्च 2019 को उसकी 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी स्कूल में परीक्षा देने गई थी जो वापस नहीं लौटी। बेटी के मोबाइल पर जब फोन किया तो किसी और लड़के ने फोन उठाया। मामले की सूचना पुलिस को दी गई।
पीड़िता को एक गांव के कमरे से बरामद किया। नाबालिग ने काउंसिलिंग के बाद बयान दिए कि देवदत्त व उसका एक दोस्त उसे बाइक पर बैठाकर लाया और एक घर पर ले गए। जहां एक आदमी पहले से ही मौजूद था। उन्होंने उसे कमरे में बंद कर दिया और अंजान आदमी ने उसे जबरदस्ती शराब पिलाई।
मना करने पर उसके सिर में चोट मारी। उसे अगले दिन होश आया। पुलिस ने आरोपी देवदत्त उर्फ देवा को गिरफ्तार किया। उसके बयान के आधार पर अपने मकान में पनाह देने के आरोप में पुलिस ने तुलाराम को गिरफ्तार किया था।