RIGHT NEWS INDIA: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और पीओके (PoK) को शांत क्षेत्र घोषित किया जाए और इसे सार्क देशों के बीच सहयोग का एक मॉडल बनाया जाए. सार्क (SAARC) में शामिल सभी देश को कश्मीर में निवेश की अनुमति दी जाए. पीडीपी के 23वें स्थापना दिवस के मौके पर मुफ्ती ये बातें कहीं. पीडीपी प्रमुख ने आगे कहा कि अगर भारत सार्क का गुरु नहीं बन सकता तो विश्वगुरु भी नहीं बन सकता. महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए बातचीत के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है.
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनुरोध करती हूं कि जम्मू-कश्मीर और पीओके को सार्क सहयोग का एक मॉडल बनाएं.’ मुफ्ती ने कहा कि दोनों (जम्मू-कश्मीर और पीओके) को विश्व शांति क्षेत्र घोषित करके सभी सार्क देशों को यहां निवेश करने करने लिए कहें. महबूबा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सार्क देशों को जम्मू-कश्मीर में बैंक और हस्तशिल्प विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति देने के साथ सभी मार्ग खोले जाएं और सभी को स्वतंत्र रूप से आवाजाही की अनुमति दी जाए. बता दें कि सार्क की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को ढाका में हुई थी, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल और पाकिस्तान सदस्य देश हैं.
जम्मू-कश्मीर के अंदर चल रही है जंग-मुफ्ती
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच पंजाब में वाघा सीमा पर व्यापार चलता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसे बंद कर दिया गया है. महबूबा ने सवालिया लहजे में पूछा, क्या हमने कभी सुना है कि पंजाब की सीमा पर गोलीबारी हुई थी या भारत-पाकिस्तान के बीच गुजरात सीमा या राजस्थान सीमा पर युद्ध हुआ? फिर खुद ही नहीं में जवाब देते हुए कहा कि यह केवल जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर होता है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अंदर जंग चल रही है. एक तरफ 10 लाख सेना के जवान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बंदूकों के साथ युवा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हल करना होगा और कोई अन्य विकल्प नहीं है.
CPEC को लेकर कही ये बात
उन्होंने प्रधानमंत्री से जम्मू-कश्मीर को मध्य और दक्षिण एशिया का प्रवेश द्वार बनाने के लिए भी कहा. महबूबा ने कहा, ‘पाकिस्तान और चीन ने कहा है कि सभी देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) का हिस्सा बन सकते हैं, एक ऐसा मार्ग जो दूसरे तरफ के जम्मू-कश्मीर से होकर मध्य एशिया और दक्षिण एशिया तक जाता है. लेकिन आपने कहा कि ऐसा मत करो, लेकिन वे इसे करेंगे और वे नहीं रुकेंगे क्योंकि आपने ऐसा कहा था.’