Himachal News: हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। पूरे पांच साल के लंबे इंतजार के बाद अब 2026 के गणतंत्र दिवस परेड में राज्य की झांकी नजर आएगी। रक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इस बार कर्तव्य पथ पर हिमाचल के शूरवीरों की गाथा पूरी दुनिया देखेगी। यह झांकी देश की खातिर जान न्योछावर करने वाले वीर जवानों को समर्पित होगी। परेड में पहाड़ी संस्कृति और वीरता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
वीरों के बलिदान को सलाम
राज्य के भाषा एवं संस्कृति विभाग ने झांकी की थीम तय कर ली है। इस बार की थीम “गैलेंटरी अवॉर्डीज ऑफ हिमाचल प्रदेश” रखी गई है। गणतंत्र दिवस समारोह में परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेताओं का सम्मान दिखेगा। इसके साथ ही अशोक चक्र से सम्मानित सपूतों के बलिदान को भी दर्शाया जाएगा। यह झांकी बताएगी कि पहाड़ी राज्य हिमाचल ने देश की रक्षा में हमेशा बड़ा योगदान दिया है। यहां के वीरों ने हर युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे किए हैं।
गूंजेगा ‘मेरा हिमाचलो बड़ा बांका’
इस झांकी में सिर्फ सैन्य ताकत ही नहीं, बल्कि लोक-संस्कृति भी दिखेगी। परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर “मेरा हिमाचलो बड़ा बांका” गीत गूंजेगा। साथ ही पारंपरिक ढोल की थाप माहौल को और भी जोशीला बनाएगी। यह संगीत हिमाचल के स्वाभिमान और पहचान को दुनिया के सामने रखेगा। रक्षा मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद विभाग ने काम शुरू कर दिया है। झांकी बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसे आधुनिक तकनीक और कलात्मकता के साथ तैयार किया जाएगा।
2020 के बाद मिली एंट्री
हिमाचल प्रदेश की झांकी आखिरी बार साल 2020 में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई थी। तब कुल्लू दशहरा की झलक दुनिया ने देखी थी। इसके बाद कई बार अलग-अलग प्रस्ताव भेजे गए। कभी अटल टनल तो कभी अन्य विषयों पर बात नहीं बन पाई। अब 2026 के लिए चयन होना राज्य के लिए गौरव की बात है। हिमाचल का सेना से बहुत गहरा नाता है। यहां के गांवों से युवा खुशी-खुशी सेना में भर्ती होते हैं। झांकी में इसी जज्बे और परंपरा को दिखाया जाएगा।
