National Anthem: भारत के राष्ट्रगान (National Anthem) के रचयिता रवींद्रनाथ टैगोर (Ravindranath Tagore) को सभी भली-भांति जानते हैं. उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रगान की भी रचना की थी, यह बात बहुत कम लोग जानते हाेंगे. उनके द्वारा बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘अमार शोनार बांग्ला’ लिखा गया था. सन् 1911 में रविंद्रनाथ टैगोर ने ‘जन गण मन’ की रचना की थी. जाे आज पूरे भारतवर्ष में गाया जाता है. इसके सम्मान में सभी अपनी जगह पर खड़े हाे जाते हैं.
उनके शिष्य ने लिखा श्रीलंका का राष्ट्रगान
रवींद्रनाथ टैगोर के शिष्य आनंद समरकून ने श्रीलंका का राष्ट्रगान लिखा था जो कि आज तक श्रीलंका में गाया जाता है. वह अपने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर से काफी प्रभावित थे. आनंद समरकून ने अपने गुरुदेव की काफी लंबे समय तक सेवा की थी. आनंद समरकून काे कभी किसी विषय पर राय लेनी हुई ताे सबसे पहले उन्हाेंने अपने गुरु की आज्ञा ली. इसके बाद ही वह काेई निर्णय लेते थे.
कोलकाता में हुआ था टैगोर का जन्म
रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता में हुआ था. 80 साल की उम्र में यानी 7 अगस्त 1941 को उन्होंने बीमारी के चलते कोलकाता में ही आखरी सांस ली थी, मगर उनकी रचनाएं आज भी जीवंत हैं जो लोगों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. चित्रकला व संगीत में रुचि रखने वाले टैगाेर ने गीतांजलि, चाेखर बाली, गाेरा और घरे बाइरे समेत की रचनाएं लिखी.
पहली बार मिला था किसी को नोबेल पुरस्कार
साहित्य क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान देने के कारण रवींद्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. खास बात तो यह है कि यह भारत के लिए पहला नोबेल पुरस्कार था. भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ था मगर उस वक्त हमारा कोई भी राष्ट्रगान नहीं था. 24 जनवरी 1950 में भारत की संविधान सभा में जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया था. 1911 में जन गण मन की रचना तो हो गई थी मगर उस वक्त इसका नाम भारत भाग्य विधाता था. हालांकि बाद में फिर से नाम बदलकर जन गण मन कर दिया गया था.