Uttar Pradesh News: बाराबंकी जिले में एक 55 वर्षीय अधेड़ शख्स को 36 वर्षीय मुस्लिम महिला से प्यार हो गया. दोनों ने शादी का मन बनाया. जिसके बाद मुस्लिम महिला ने उस शख्स से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हिंदू रीति रिवाज से शादी रचा ली.
इन दोनों को शादी पूरे समारोह में चर्चा का विषय बनी रही. क्योंकि इसमें मजहब और उम्र की सारी बंदिशें टूटती दिखीं. और तो और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में पहुंचे भाजपा सांसद ने इस अनोखे नवविवाहित जोड़े को अपना आशीर्वाद भी दिया. वहीं शादी के बारे में दोनों ने बताया कि उन पर किसी तरह का कोई जोर दबाव नहीं है. दोनों ने अपनी मर्जी से शादी की है.
यह पूरा मामला बाराबंकी जनपद के टिकैतनगर थाना क्षेत्र के दुल्हदेपुर गांव में स्थित एक आश्रम का है. जहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जानकारी के मुताबिक यह आश्रम अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत बाबा बलराम दास का है. एक तरफ जहां इस आश्रम में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत नवविवाहित जोड़े शादी के बंधन में बंध रहे थे. तो इसी कार्यक्रम में धर्म और उम्र से जुड़ी सारी बेड़ियां भी टूटती दिखीं.
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने नवविवाहित जोड़े को दिया आशीर्वाद
इस सामूहिक विवाह समारोह में कई जोड़ों की शादी हुई. लेकिन एक जोड़े की शादी सबसे खास रही. यह जोड़ा चर्चा का विषय इसलिए बना क्योंकि इसमें एक 55 वर्षीय अधेड़ शख्स रामविलास रावत ने अपनी 36 वर्षीय मुस्लिम प्रेमिका जाफरीन से शादी रचाई. जाफरीन ने भी पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ रामविलास रावत से शादी की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डुमरियागंज से भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया. वहीं रामविलास की प्रेमिका जाफरीन इनका कहना है जबसे पति के रूप में रामविलास मुझे मिले हैं मेरा जीवन धन्य हो गया है मैं हूं कि हमेशा सेवा करूंगी जब उम्र के बारे में पूछा गया तो जा फिर इनका साफ कहना था प्यार में उम्र नहीं देखी जाती है
‘किसी का दबाव नहीं, अब दोनों साथ रहेंगे’
वहीं इस शादी के बारे में जब रामविलास और जाफ्रीन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन पर कोई जोर दबाव नहीं है. उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है. दोनों इस शादी से बहुत खुश हैं. दोनों ने बताया कि आज मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में उन्होंने सात फेरे लिए हैं. अब दोनों एक साथ रहेंगे.