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गुरूवार, 21 सितम्बर,2023

हिमाचल में सेब व्यापारियों का पंजीकरण हुआ जरूरी, बागवानों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए लिया फैसला

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Solan News: प्रदेश में इन दिनों सेब सीजन चल रहा है व किलो के हिसाब से सरकार ने सेब को बेचने की व्यवस्था इस बार सेब मंडियों में की है। हर साल की भांति इस साल भी एपीएमसी सोलन के अंर्तगत सोलन और परवाणू मंडियों में करोड़ों रुपए का व्यापार हो चुका है। अभी तक सेब मंडी सोलन और परवाणू में नौ लाख सेब की पेटियां पहुंच चुकी है, जिसके माध्यम से एक अरब 17 करोड़ का व्यापार सेब का हो चुका है।

इन दिनों मंडियों में कोटखाई, कोटगढ़, रोहड़ू, करसोग और शिमला क्षेत्र का सेब पहुंच रहा है। वहीं सेब सीजन के दौरान सेब के व्यापारी आढ़तियों और बागबानों के साथ धोखाधड़ी न कर पाए, इसको लेकर भी सरकार और प्रशासन ने व्यवस्था की है कि हर सेब व्यापारी का पंजीकरण होगा, ताकि उसका पूरा पता प्रशासन और सरकार के पास हो, क्योंकि यदि सेब व्यापारी आढ़ती और बागबानों के साथ धोखाधड़ी करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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सब्जी मंडी सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आपदा का दौर चल रहा है और सबसे ज्यादा परेशान किसान-बागबान हो रहे हैं, क्योंकि सडक़े बंद हैं। ऐसे में वे अपने फल और सब्जियां मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस बार व्यापार स्थिर रहने वाला है, क्योंकि बारिश होने से सेब का सीजन बाधित हुआ है और फसलें खराब हुई हैं। ऐसे में सेब की डिमांड ज्यादा है, तो बागबानों को भी इसके दाम बढिय़ा मिलने वाले हैं। बता दें कि हर साल बाहरी राज्यों से आने वाले खरीददार सेब खरीदने के बाद पेमेंट नहीं करते हैं, जिससे आढ़तियों और बागबानों को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचता है।

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सब्जी मंडी सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा ने बताया कि मंडियों में सेब खरीदने के लिए आने वाले सभी खरीददारों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण करवाना होगा। गैर पंजीकृत खरीददारों पर एफआईआर दर्ज होगी। उन्होंने बागबानों से भी अपील की है कि रजिस्टर्ड आढ़ती और व्यापारियों को ही अपना सेब बेचें, ताकि धोखाधड़ी से बच सकें।

रिकार्ड न होने से डूबता है बागबानों का पैसा

शुरुआत में तो यह खरीददार आढ़तियों को नियमित पैसा भेजते हैं, जिससे बागबानों को भी पेमेंट मिल जाती है, लेकिन अचानक सेब की कई ट्रक खरीद कर ये लोग गायब हो जाते हैं। ऐसे में आढ़ती और मंडी समिति के पास खरीदारों का कोई रिकार्ड न होने से बागबानों का पैसा डूब जाता है। इसी को देखते हुए सरकार ने अब यह फैसला लिया है कि सेब का व्यापार करने वाले सभी व्यापारियों का पंजीकरण किया जाएगा।

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