International News: लाल सागर के नीचे से गुजरने वाली ऑप्टिकल केबल के कटने से हाल ही में वैश्विक इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हुई थीं। इस घटना ने मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के कई देशों में इंटरनेट समस्याएं पैदा की थीं। समुद्र तल में बिछी केबलों की मरम्मत एक जटिल और दिलचस्प प्रक्रिया है।
केबल कटने के पीछे आमतौर पर जहाजों के लंगर, प्राकृतिक आपदाएं या मानवीय हस्तक्षेप जिम्मेदार होते हैं। इंटरनेट कंपनियां निरंतर डेटा प्रवाह की निगरानी करती रहती हैं। जब केबल में कोई समस्या आती है तो नेटवर्क धीमा हो जाता है या बंद हो जाता है।
तकनीशियन टेस्ट सिग्नल भेजकर केबल कटने का सटीक स्थान पता लगाते हैं। इस काम के लिए विशेष जहाजों का उपयोग किया जाता है जिन्हें केबल शिप कहा जाता है। ये जहाज जीपीएस और अंडरवाटर मैप्स की मदद से टूटी केबल तक पहुंचते हैं।
स्थान का पता चलने के बाद जहाज से एक विशेष हुक समुद्र में भेजा जाता है। इस हुक की मदद से टूटी केबल को पकड़कर जहाज तक खींचा जाता है। इंजीनियर केबल के दोनों सिरों को साफ करते हैं और फाइबर ऑप्टिक तारों को जोड़ते हैं।
फाइबर ऑप्टिक तार बाल से भी पतले होते हैं इसलिए जोड़ने की प्रक्रिया बेहद सटीक होती है। मरम्मत के बाद केबल को फिर से समुद्र की गहराई में सावधानी से छोड़ दिया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया कुछ दिनों से लेकर महीनों तक चल सकती है।
मरम्मत का समय केबल कटने की गहराई और स्थान पर निर्भर करता है। समुद्र तल में केबल बिछाने से ज्यादा चुनौतीपूर्ण उसमें आई खराबी को ठीक करना होता है। इस तकनीकी प्रक्रिया के बिना वैश्विक इंटरनेट संपर्क बनाए रखना संभव नहीं होता।
