शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

लाल किला ब्लास्ट: जम्मू-कश्मीर पुलिस की सूझबूझ ने देश को बड़े हमले से बचाया, जानें कैसे हुआ था ‘डॉक्टर्स ऑफ टेरर’ का खुलासा

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Delhi News: लाल किला कार ब्लास्ट मामले में नया खुलासा हुआ है। जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक छोटी सी जांच ने देश को बड़े आतंकी हमले से बचा लिया। श्रीनगर के बाहरी इलाके में मिले पोस्टरों से शुरू हुई जांच ने फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया। इस जांच के चलते 2900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद हुई।

अठारह अक्टूबर को श्रीनगर के नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर मिले थे। इन पोस्टरों में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की धमकी दी गई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया और जांच शुरू की। जांच ने आगे चलकर बड़ा रूप लिया।

पोस्टर से शुरू हुई थी जांच

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पोस्टर मामले को गंभीरता से लिया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कई ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में विदेशी हैंडलर्स की संलिप्तता सामने आई। पता चला कि विदेश में बैठे हैंडलर्स एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए संपर्क कर रहे थे।

जांच में पता चला कि भारत में कोई बड़ी आतंकी साजिश रची जा रही है। इसमें डॉक्टर्स का एक गैंग सक्रिय था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसकी सूचना अन्य एजेंसियों को दी। इस तरह एक संयुक्त कार्रवाई की योजना बनी।

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फरीदाबाद में बरामद हुए विस्फोटक

जांच के दौरान डॉक्टर आदिल अहमद राथर की पहचान हुई। छह नवंबर को सहारनपुर से उन्हें गिरफ्तार किया गया। डॉक्टर आदिल की निशानदेही पर फरीदाबाद से मुजम्मिल अहमद को पकड़ा गया। पूछताछ में 2900 किलोग्राम विस्फोटक का राज खुला।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तुरंत हरियाणा पुलिस से संपर्क किया। फरीदाबाद में संयुक्त छापेमारी हुई। इस दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। यह सामग्री डॉक्टर मुजम्मिल के घर पर छिपाई गई थी।

डॉक्टर्स के आतंकी नेटवर्क का खुलासा

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में कई डॉक्टर्स शामिल थे। पुलिस ने मुजम्मिल शकील, डॉक्टर अदील अहमद राथर और डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया। यह नेटवर्क विदेशी हैंडलर्स से जुड़ा हुआ था। हैंडलर्स टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए निर्देश देते थे।

आतंकी फंडिंग और हथियारों की तस्करी के लिए चैरिटेबल एक्टिविटीज की आड़ लेते थे। डॉक्टर उमर इस नेटवर्क का एक सदस्य था। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए भाग निकला। उसने ही लाल किले के पास धमाका किया।

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लाल किला धमाका हुआ था घबराहट में

सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर उमर ने घबराकर धमाका किया। उसने यह हमला पहले से प्लान नहीं किया था। गिरफ्तारियों के बाद वह डर गया था। उसने हड़बड़ी में अपनी कार में विस्फोट कर दिया। इस धमाके में बारह लोगों की मौत हो गई।

डॉक्टर उमर की मौत की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। उसके डीएनए टेस्ट के लिए उसकी मां का सैंपल लिया गया है। उसके भाइयों को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं।

जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका

जम्मू-कश्मीर पुलिस की सूझबूझ ने बड़ा काम किया। एक छोटे से पोस्टर केस से शुरू हुई जांच ने बड़ा आतंकी नेटवर्क उजागर किया। इस जांच ने देश को बड़े हमले से बचा लिया। संयुक्त कार्रवाई में कई आतंकी गिरफ्तार हुए।

विस्फोटक सामग्री का भंडार बरामद हुआ। आतंकी नेटवर्क के फंडिंग चैनल्स का पता चला। सुरक्षा एजेंसियों को विदेशी हैंडलर्स की जानकारी मिली। यह सब जम्मू-कश्मीर पुलिस की सतर्कता का नतीजा था।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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