Delhi News: लाल किला धमाका मामले में भारत ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एनआईए, एनएसजी और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ है। यह कार्रवाई भारत की जीरो टॉलरेंस एगेंस्ट टेरर नीति की बड़ी मिसाल मानी जा रही है। जांच में सामने आया कि धमाके की जड़ जम्मू-कश्मीर के नौगाम इलाके में मिली।
उन्नीस अक्टूबर को नौगाम में उत्तेजक पोस्टर मिले थे। इस पर एफआईआर दर्ज हुई और जांच शुरू हुई। इसके बाद गिरफ्तारी का सिलसिला तेज हो गया। बीस से सत्ताईस अक्टूबर के बीच मौलवी इरफान अहमद वाघे और जमीर अहमद को गिरफ्तार किया गया। पांच नवंबर को डॉक्टर अदील को सहारनपुर से पकड़ा गया।
मेडिकल प्रोफेशनल्स का आतंकी नेटवर्क
सात नवंबर को अनंतनाग अस्पताल से एके-56 राइफल और भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद हुआ। आठ नवंबर को फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में छापेमारी हुई। यहां से पिस्टल, विस्फोटक और डिटोनेटर मिले। पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस मॉड्यूल में कई मेडिकल प्रोफेशनल्स शामिल थे।
इन्हीं में से एक डॉक्टर मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया। नौ नवंबर को फरीदाबाद के धौज से मद्रासी नाम के व्यक्ति को पकड़ा गया। दस नवंबर को सबसे बड़ा धमाका तब हुआ जब मेवात के एक इमाम के घर से विस्फोटक बरामद हुए। एजेंसियों ने कुल तीन हजार किलो विस्फोटक जब्त किया।
लाल किला धमाके की टाइमलाइन
दस नवंबर को शाम साढ़े छह बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट हुआ। सात बजकर पंद्रह मिनट पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट ली। नौ बजे मीडिया को पहली ब्रीफिंग दी गई। साढ़े नौ बजे शाह एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे।
उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस कमिश्नर के साथ समीक्षा बैठक की। घायलों से मुलाकात कर स्थिति जानी। डॉक्टरों से बातचीत के बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने खुद धमाका स्थल का दौरा किया। ग्यारह नवंबर को दो उच्च स्तरीय बैठकें हुईं।
एजेंसियों का तालमेल
ग्यारह नवंबर को गृह मंत्री ने दो बैठकों की अध्यक्षता की। पहली बैठक में गृह सचिव, आईबी डायरेक्टर और एनआईए प्रमुख शामिल हुए। दिल्ली पुलिस कमिश्नर और जम्मू के डीजी वर्चुअल लिंक से जुड़े। दूसरी बैठक में एनएसजी और एनआईए के डीजी मौजूद रहे।
डीएफएसएस और एफएसएल प्रमुख ने भी बैठक में हिस्सा लिया। ढाई बजे दोपहर केस औपचारिक रूप से एनआईए को सौंप दिया गया। सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया। गृह मंत्री ने खुद ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की।
मुख्य साजिशकर्ता की पहचान
मुख्य साजिशकर्ता डॉक्टर उमर को सीसीटीवी फुटेज में देखा गया। वह उसी कार को चला रहा था जो लाल किला धमाके में इस्तेमाल हुई। फोरेंसिक जांच ने इसकी पुष्टि की है। धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक वही था जो फरीदाबाद से बरामद हुआ।
इस कार्रवाई से भारत ने एक बड़ा आतंकी नेटवर्क ध्वस्त किया है। यह नेटवर्क देश के कई शहरों में समान हमले की साजिश रच रहा था। एजेंसियों ने समन्वित कार्रवाई कर सभी आरोपियों को पकड़ा। विस्फोटक सामग्री को सुरक्षित ढंग से नष्ट किया गया।
