New Delhi News: साल 2025 भारतीय रियल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। इस साल देश के प्रमुख शहरों में घरों की कीमतों में भारी उछाल आया। विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रॉपर्टी के रेट में 7 से 19 फीसदी तक की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई। दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई है। यह उछाल मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और लग्जरी घरों की बढ़ती मांग के कारण आया। जानकारों के मुताबिक साल 2026 में भी रियल एस्टेट में यह तेजी जारी रहेगी।
लग्जरी और प्रीमियम घरों की रिकॉर्ड मांग
साल 2025 में रियल एस्टेट बाजार में जबरदस्त बूम देखा गया। प्रॉपटाइगर, जेएलएल (JLL) और एनारॉक (ANAROCK) जैसी एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की है। यह तेजी खासकर प्रीमियम और लग्जरी सेगमेंट में दिखी। निर्माण सामग्री की लागत बढ़ने से भी प्रॉपर्टी के दाम बढ़े हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि घर खरीदारों का रुझान अब बड़े और लग्जरी मकानों की तरफ बढ़ा है। इसके चलते 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले घरों की बिक्री में 28 से 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
दिल्ली-NCR बना सबसे महंगा बाजार
प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने के मामले में दिल्ली-एनसीआर सबसे आगे रहा।
- दिल्ली-NCR: यहां सालाना आधार पर 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। गुरुग्राम और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे इलाकों में मेट्रो विस्तार और नए प्रोजेक्ट्स ने रियल एस्टेट को नई रफ्तार दी।
- कोलकाता: यहां प्रॉपर्टी की कीमतों में 16 फीसदी का उछाल आया।
- बेंगलुरु: आईटी हब होने के कारण यहां 13-15 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई।
- चेन्नई और हैदराबाद: चेन्नई में 14 फीसदी और हैदराबाद में 13 फीसदी दाम बढ़े।
- पुणे और मुंबई: इन शहरों में सिंगल डिजिट यानी 7 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी रही।
- टियर-2 शहर: गोवा जैसे शहरों के कुछ इलाकों में तो 66 फीसदी तक की रिकॉर्ड तेजी देखी गई।
2026 में कैसा रहेगा रियल एस्टेट का हाल
वर्ष 2026 के लिए भी रियल एस्टेट आउटलुक सकारात्मक है। कॉलियर्स (Colliers) और सीबीआरई (CBRE) की रिपोर्ट बताती है कि आर्थिक स्थिरता और सरकारी नीतियों से सेक्टर को मदद मिलेगी। ऑफिस लीजिंग और डेटा सेंटर्स में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। नाइट फ्रैंक और एनारॉक के मुताबिक 2026 में बाजार थोड़ा स्थिर हो सकता है, लेकिन प्रीमियम घरों की मांग बनी रहेगी। हालांकि, बढ़ती कीमतों के कारण आम आदमी के लिए घर खरीदना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बुनियादी ढांचे में सुधार से बाहरी इलाकों (Peripheral Areas) में भी प्रॉपर्टी के दाम बढ़ेंगे।
