New Delhi News: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के बैंकिंग सिस्टम में ऐतिहासिक बदलाव किया है। केंद्रीय बैंक ने 1944 से चले आ रहे 5 हजार से ज्यादा सर्कुलर रद्द कर दिए हैं। इसके अलावा 9 हजार पुराने सर्कुलर्स को मिलाकर 244 मास्टर गाइडलाइन तैयार की गई हैं। इससे बैंकिंग नियमों को समझना अब काफी आसान हो जाएगा।
बैंकों को मिलेगी बड़ी राहत
डिप्टी गवर्नर एससी मुर्मू ने इस बड़े फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब बैंकों को सारे नियम एक ही जगह मिल जाएंगे। इससे बैंक अधिकारियों को दिशा-निर्देश पढ़ने में आसानी होगी। RBI का मानना है कि हटाए गए पुराने नियमों का अब कोई उपयोग नहीं बचा था। नए सिस्टम में पुराने और बेकार हो चुके कानूनों को पूरी तरह हटा दिया गया है।
आम आदमी पर क्या होगा असर?
इन बदलावों का असर आम जनता पर भी पड़ेगा। सरकारी सिक्योरिटीज से जुड़े लोन के नियमों में बदलाव हुआ है। सिक्योरिटीज खरीदने वालों को अब नए नियम जानने होंगे। इसके अलावा डिजिटल बैंकिंग के लिए 7 नई मास्टर गाइडलाइन बनी हैं। इसका सीधा प्रभाव ग्राहकों की ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाओं पर पड़ेगा। RBI ने ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाए हैं।
अक्टूबर में पेश किया गया था मसौदा
अधिकारियों ने हजारों सर्कुलर्स की समीक्षा के बाद यह कदम उठाया है। इनमें से कई नियम 1944 से लागू थे। RBI ने पहली बार सर्कुलर्स में इतना बड़ा फेरबदल किया है। बैंक ने अक्टूबर में ही इसका मसौदा पेश कर दिया था। अब शुक्रवार को अंतिम 244 मास्टर गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं।
