शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

आरबीआई ने रेपो रेट 5.5% पर रखा स्थिर, बैंकों ने महंगाई नियंत्रण और आर्थिक वृद्धि के लिए बताया सही

Share

India News: भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 अगस्त, 2025 को रेपो रेट 5.5% पर यथावत रखा। बैंक अधिकारियों ने इसे महंगाई नियंत्रण और आर्थिक वृद्धि के लिए सही बताया। इंडियन ओवरसीज बैंक के सीईओ ने तटस्थ रुख की सराहना की। वित्तीय समावेश और ऋण उपलब्धता पर जोर दिया गया। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच यह फैसला स्थिरता लाएगा। बैंकों ने भविष्य में दरों में बदलाव की संभावना जताई।

आरबीआई का तटस्थ रुख और स्थिरता

आरबीआई ने रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखा। तटस्थ रुख अपनाया गया। इंडियन ओवरसीज बैंक के अजय कुमार श्रीवास्तव ने इसे सही कदम बताया। यह महंगाई नियंत्रित करेगा। आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। नगदी प्रबंधन पर आरबीआई का ध्यान स्वागत योग्य है। यह ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करता है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता जरूरी है। श्रीवास्तव ने इसे सुविचारित दृष्टिकोण कहा।

वित्तीय समावेश को बढ़ावा

आरबीआई ने ट्रेजरी बिल में खुदरा पहुंच बढ़ाई। बैंक लॉकर और खाता दावों के मानकीकरण का फैसला लिया। अजय कुमार श्रीवास्तव ने इसे सराहा। यह वित्तीय समावेश को बढ़ाएगा। निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा। इंडियन बैंक के बिनोद कुमार ने भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक स्थिर है। भविष्य में दरों में कटौती की गुंजाइश है। यह कदम निवेश को प्रोत्साहित करेगा।

यह भी पढ़ें:  Mutual Fund Investments: 10,000 रुपये से कैसे बनाएं 1 करोड़ रुपये? यहां पढ़ें पूरी डिटेल

वैश्विक अनिश्चितता और मूल्य स्थिरता

साउथ इंडियन बैंक के विनोद फ्रांसिस ने फैसले को सही बताया। अमेरिका के 25% शुल्क प्रस्ताव से अनिश्चितता है। रेपो रेट स्थिर रखना मूल्य स्थिरता के लिए जरूरी है। आरबीआई कोई जोखिम नहीं ले रहा। फ्रांसिस ने कहा कि मौजूदा कटौती का प्रभाव देखना होगा। भविष्य में दर कटौती की संभावना है। यह फैसला वैश्विक चुनौतियों के बीच संतुलन बनाता है।

बैंकों में ऋण लागत में कमी

इंडियन बैंक के बिनोद कुमार ने कहा कि कोष की लागत घटी है। पिछले दर कटौती का लाभ ग्राहकों को मिला। एमसीएलआर में सामान्यीकरण होगा। यह ऋण सस्ता करेगा। बैंकों ने ग्राहकों को राहत दी। भविष्य में और कटौती की उम्मीद है। यह व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है। आरबीआई का स्थिर रुख बैंकों को योजना बनाने में मदद करता है।

गैर-बैंकिंग क्षेत्र की प्रतिक्रिया

श्रीराम फाइनेंस के उमेश रेवणकर ने फैसले की तारीफ की। रेपो रेट स्थिर रखना संतुलित दृष्टिकोण है। यह महंगाई और वृद्धि को संतुलित करता है। मनीबॉक्स फाइनेंस के दीपक अग्रवाल ने भी समर्थन किया। छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण पहुंच बढ़ेगी। यह सूक्ष्म उद्यमों को मदद करेगा। मौसमी खपत से एमएसएमई को फायदा होगा। स्थिरता दीर्घकालिक योजना में सहायक है।

यह भी पढ़ें:  Quisque faucibus laoreet eros vel

भविष्य में दर कटौती की संभावना

बिनोद कुमार ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक स्थिर है। वृद्धि को बढ़ावा देने की जरूरत हो सकती है। भविष्य में दर कटौती हो सकती है। वैश्विक अनिश्चितताएं कम होने पर यह संभव है। फ्रांसिस ने कहा कि मौजूदा कटौती का प्रभाव देखना होगा। आरबीआई सतर्क रुख अपनाए हुए है। यह अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में मदद करेगा। बैंकों ने इसे सकारात्मक बताया।

एमएसएमई और समावेशी विकास

दीपक अग्रवाल ने कहा कि स्थिर रेपो रेट एमएसएमई को फायदा देगा। ग्रामीण और छोटे शहरों में ऋण पहुंच बढ़ेगी। यह समावेशी विकास को बढ़ावा देगा। मौसमी खपत से आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। आरबीआई का ध्यान वित्तीय स्थिरता पर है। यह छोटे उद्यमों के लिए दीर्घकालिक योजना में मदद करता है। बैंकों ने इस नीति को अर्थव्यवस्था के लिए सही बताया।

वैश्विक चुनौतियों का प्रभाव

अमेरिका के प्रस्तावित 25% शुल्क ने अनिश्चितता बढ़ाई। आरबीआई ने सतर्कता बरती। रेपो रेट स्थिर रखना मूल्य स्थिरता के लिए जरूरी है। फ्रांसिस ने कहा कि वैश्विक जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आरबीआई का तटस्थ रुख संतुलन बनाए रखता है। यह अर्थव्यवस्था को स्थिर करता है। बैंकों ने इस नीति को दीर्घकालिक विकास के लिए सही बताया।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News