Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंडी और कुल्लू जिलों में बढ़ती रेव पार्टी और नशीली दवाओं के मामलों पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को इन जिलों में रेव पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई का ब्योरा देने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि अब तक कितनी प्राथमिकी दर्ज की गईं और कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया।
रेव पार्टियों पर कोर्ट की सख्ती
हिमाचल हाईकोर्ट ने कुल्लू की हिमालयन एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन सोसायटी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कदम उठाया। याचिका में दावा किया गया कि कसोल, जिभी, मनाली और कुल्लू के अन्य इलाकों में पर्यटन के नाम पर रेव पार्टी आयोजित हो रही हैं। इन पार्टियों में नशीली दवाओं का खुलेआम उपयोग होता है, और यह सब प्रभावशाली लोगों के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या इन आयोजनों से होने वाली आय और उसके वितरण की जांच की गई है।
आयोजकों की संपत्ति पर कार्रवाई का सवाल
खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह रेव पार्टियों के आयोजकों की पहचान और उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करे। कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या इन आयोजनों से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच हुई। इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि रेव पार्टियों के वीडियो वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं, जो नशीली दवाओं की आसान उपलब्धता को दर्शाते हैं।
सामाजिक चिंता का विषय
कुल्लू और मंडी जैसे पर्यटन स्थलों पर रेव पार्टियों का आयोजन न केवल कानून-व्यवस्था की चुनौती है, बल्कि यह स्थानीय युवाओं और पर्यटकों के बीच नशे की लत को बढ़ावा दे रहा है। कोर्ट का यह कदम नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
