Himachal News: हिमाचल प्रदेश में मुफ्त राशन योजना में बड़ी धांधली सामने आई है। केंद्र सरकार ने प्रदेश के 5.32 लाख लाभार्थियों को संदिग्ध माना है। खाद्य आपूर्ति विभाग ने अब इन लोगों के राशन कार्ड के सत्यापन का काम तेज कर दिया है। जांच में मृतकों और अमीर लोगों के नाम भी लिस्ट में मिले हैं। सरकार अब ऐसे अपात्र लोगों को बाहर का रास्ता दिखा रही है।
मृतकों के नाम पर उठ रहा अनाज
विभागीय जांच में चौंकाने वाले आंकड़े मिले हैं। लिस्ट में 2,222 ऐसे लोग हैं जिनकी मौत हो चुकी है। इसके बावजूद उनके नाम पर राशन लिया जा रहा था। इसके अलावा 2,918 लोग गाड़ियों के मालिक हैं। ये अमीर लोग भी गरीबों वाली स्कीम का फायदा उठा रहे थे। विभाग ने जिला स्तर पर सर्वे शुरू कर दिया है। अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की जांच पूरी हो चुकी है।
दो जगहों पर चल रहा पंजीकरण
जांच में 40 हजार ऐसे लोग मिले हैं जिनका नाम दो जगहों पर दर्ज है। प्रदेश में कुल 28.24 लाख लोग इस योजना से जुड़े हैं। इनमें से 5 लाख से ज्यादा लोग जांच के घेरे में हैं। केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि अपात्र लोगों को तुरंत हटाया जाए। गलत जानकारी देकर राशन कार्ड का लाभ लेने वालों पर अब कार्रवाई होगी।
नौकरी और जमीन वाले भी शामिल
कई लाभार्थियों के पास सरकारी नौकरी और एक हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है। कुछ की सालाना कमाई तय सीमा से काफी ज्यादा है। ऐसे लोग भी सस्ते राशन का लाभ ले रहे थे। वहीं, कुछ लोगों ने पिछले छह महीने से राशन नहीं लिया है। उन्हें भी संदिग्ध माना गया है। अतिरिक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि अपात्र लोगों को लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया जारी है।
क्या मिलता है योजना में?
इस योजना के तहत गरीब परिवारों को मदद मिलती है। प्रति सदस्य 2 किलो चावल मुफ्त दिया जाता है। इसके अलावा 2.8 किलो आटा बहुत कम दाम पर मिलता है। लगभग 7 लाख परिवार इस समय राशन कार्ड के जरिए इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। विभाग अब सुनिश्चित कर रहा है कि यह मदद सिर्फ जरूरतमंदों तक ही पहुंचे।
