शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

रणजी ट्रॉफी: 90 ओवर में ही खत्म हुआ इतिहास का सबसे छोटा मैच, दो हैट्रिकों ने रचा रिकॉर्ड

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Assam News: रणजी ट्रॉफी के इतिहास में शनिवार को एक अद्भुत मुकाबला देखने को मिला। तिनसुकिया में खेले गए इस मैच में केवल 90 ओवर ही फेंके जा सके। इस दौरान कुल 32 विकेट गिरे और दो हैट्रिक दर्ज की गईं। मैच में कुल 359 रन ही बने। यह रणजी ट्रॉफी का सबसे कम गेंदों में खत्म होने वाला मैच बन गया है।

इस मैच ने 1961-62 के सीजन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। उस समय दिल्ली और रेलवे के बीच मैच 547 गेंदों में खत्म हुआ था। तिनसुकिया का यह मैच महज 540 गेंदों में ही समाप्त हो गया। हालांकि समय के हिसाब से सबसे छोटा मैच 1934 में खेला गया था। वह मैच पहले ही दिन खत्म हो गया था।

तिनसुकिया मैदान पर 25 साल बाद रणजी मैच आयोजित हुआ। पहले ही दिन मैच ने रोमांचक मोड़ ले लिया। सिर्फ एक दिन में ही 25 विकेट गिर गए। असम की टीम पहली पारी में केवल 17.2 ओवर तक ही टिक सकी। उन्होंने 103 रन ही बनाए। जवाब में सर्विसेज की टीम भी 108 रन पर ढेर हो गई।

दूसरी पारी में असम की बल्लेबाजी और भी खराब रही। वह सिर्फ 29.3 ओवर में 75 रन पर सिमट गई। इसके बाद सर्विसेज ने लक्ष्य का पीछा किया। उन्होंने केवल 13.5 ओवर में ही जीत हासिल कर ली। सर्विसेज ने आठ विकेट से यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

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दो गेंदबाजों ने रचा इतिहास

इस मैच की सबसे बड़ी खासियत रही दो हैट्रिकों का दर्ज होना। सर्विसेज के स्पिनर अर्जुन शर्मा ने पहले दिन सीजन की पहली हैट्रिक ली। इसके बाद उनके साथी तेज गेंदबाज मोहित जंग्रा ने भी हैट्रिक लगाई। यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास में पहला मौका था जब एक ही पारी में दो अलग-अलग गेंदबाजों ने हैट्रिक ली।

इससे पहले 1963 में जोगिंदर सिंह राव ने एक ही पारी में दो हैट्रिक लेने का कारनामा किया था। वह अब तक ऐसा करने वाले इकलौते भारतीय गेंदबाज हैं। अब अर्जुन और मोहित ने मिलकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

असम के कप्तान ने भी दिखाया दम

असम के कप्तान रियान पराग ने भी गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने गेंदबाजी की शुरुआत करते ही पहले ओवर में दो विकेट लिए। उन्होंने कुल पांच विकेट झटके। एक समय ऐसा भी आया जब वह हैट्रिक के बहुत करीब पहुंच गए। लेकिन वह हैट्रिक लेने से चूक गए।

सर्विसेज की बल्लेबाजी भी पहली पारी में ज्यादा नहीं चल पाई। हालांकि उन्हें पहली पारी में मामूली बढ़त हासिल करने में सफलता मिली। यही बढ़त आगे चलकर मैच के नतीजे के लिए अहम साबित हुई। दोनों टीमों की पहली पारी चाय के समय तक खत्म हो गई थी।

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रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दर्ज हो गया नया अध्याय

यह मैच रणजी ट्रॉफी के इतिहास का हिस्सा बन गया है। केवल डेढ़ दिन में ही मैच का नतीजा सामने आ गया। गेंदबाजों का पूरी तरह से दबदबा रहा। बल्लेबाज कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। क्रिकेट के इस लंबे फॉर्मेट में इतना छोटा मैच बहुत ही कम देखने को मिलता है।

तिनसुकिया के मैदान ने भी अपना नाम रोशन किया है। यहां लंबे अरसे बाद हुए मैच ने इतिहास रच दिया। स्थानीय प्रशंसकों के लिए यह एक यादगार मैच साबित हुआ है। उन्होंने क्रिकेट के इतिहास का एक दुर्लभ क्षण अपनी आंखों से देखा।

मैच की समाप्ति के बाद सभी लोग इस अद्भुत खेल की चर्चा कर रहे हैं। क्रिकेट के जानकार इसे एक असाधारण घटना मान रहे हैं। गेंदबाजी की इस शानदार प्रदर्शनी ने साबित कर दिया कि क्रिकेट हमेशा नए रिकॉर्ड बनाता रहता है। यह मैच हमेशा याद किया जाएगा।

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