India News: भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने रैनिटिडिन दवा की गुणवत्ता जांच के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं। यह दवा एसिडिटी और गैस के इलाज में उपयोग होती है। DCGI ने कंपनियों से दवा में NDMA की मात्रा नियंत्रित करने को कहा है, जो कैंसर का खतरा पैदा कर सकता है। यह कदम जन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
NDMA क्या है और क्यों है खतरनाक
NDMA एक रसायन है, जो अधिक मात्रा में लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संभावित कैंसरजनक पदार्थ माना जाता है। रैनिटिडिन दवा में इसकी उपस्थिति स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। DCGI ने इसकी नियमित जांच पर जोर दिया है, ताकि दवाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 2019 से भारत में इस दवा की जांच चल रही है।
DCGI के निर्देशों का विवरण
DCGI ने राज्यों के औषधि नियंत्रण विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं। कंपनियों को रैनिटिडिन दवा के API और अंतिम उत्पाद में NDMA का स्तर मापना होगा। यदि NDMA तय मानकों से अधिक मिलता है, तो तत्काल कार्रवाई होगी। कुछ देशों ने पहले ही इस दवा को बाजार से वापस मंगवाया है। भारत में भी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्राथमिकता
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जनता को सुरक्षित दवाएं देना उनकी प्राथमिकता है। रैनिटिडिन दवा की गुणवत्ता में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। दवा का बैच नंबर और निर्माता की जानकारी जांचना भी जरूरी है।
