Ranchi News: झारखंड की राजधानी रांची में दुर्गा पूजा के एक पंडाल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। रातू रोड स्थित आरआर स्पोर्टिंग क्लब दुर्गा पूजा समिति द्वारा वेटिकन सिटी की थीम पर बनाए गए पंडाल पर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई है। विहिप का आरोप है कि इससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। वहीं आयोजकों का कहना है कि यह थीम कोलकाता में पहले ही सराही जा चुकी है।
विवादित पंडाल के बाहर ईसाई धर्म से जुड़ी कलाकृतियां और मूर्तियां लगाई गई हैं। पंडाल के अंदरूनी हिस्से में भी ईसाई धर्म के प्रतीक और चित्र देखे जा सकते हैं। इस थीम पर बने पंडाल की लागत लगभग 78 लाख रुपये बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर इस पंडाल की तस्वीरों ने एक बड़ा वाद-विवाद शुरू कर दिया है।
विहिप की प्रतिक्रिया
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इस थीम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम धर्मांतरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। बंसल ने कहा कि अगर आयोजकों को धर्मनिरपेक्षता में इतनी दिलचस्पी है तो वे चर्च या मदरसे के कार्यक्रमों में हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाने की अनुमति दें। विहिप ने आयोजकों से पंडाल से ईसाई प्रतीकों और तस्वीरों को हटाने की अपील की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वह कोई कड़ा फैसला ले सकती है।
आयोजकों का पक्ष
आरआर स्पोर्टिंग क्लब के अध्यक्ष विक्की यादव ने विहिप के आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनकी समिति पिछले 50 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन कर रही है। हर साल वे एक नई और विशेष थीम पर पंडाल बनाते हैं। इस बार उन्होंने कोलकाता के श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के 2022 के पंडाल की थीम को दोहराने का फैसला किया है। यादव के मुताबिक कोलकाता में यह थीम बेहद लोकप्रिय हुई थी और उसने भारी भीड़ आकर्षित की थी।
पंडाल के निर्माण के लिए विशेषज्ञ कारीगरों को कोलकाता से बुलाया गया था। इन कारीगरों ने सेंट पीटर्स बेसिलिका और वेटिकन संग्रहालय जैसी संरचनाओं को बनाया है। आयोजकों का दावा है कि रांची के स्थानीय निवासियों ने इस थीम का स्वागत किया है और उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूजा वैदिक परंपराओं के अनुसार ही संपन्न होगी।
रांची जिला दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष ने भी आयोजकों के पक्ष में बात रखी है। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और सभी समुदायों के लोग दुर्गा पूजा में शामिल होते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आयोजकों का कोई इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है। उनका उद्देश्य केवल एक कलात्मक और आकर्षक पंडाल बनाना है।
