Ayodhya News: अयोध्या में आज एक नया इतिहास रचा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया। इस ऐतिहासिक पल के साथ ही 500 वर्षों का लंबा संघर्ष समाप्त हो गया। पीएम मोदी ने अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि आज सदियों पुराने घाव भर रहे हैं। यह ध्वज केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का प्रतीक है।
मानसिक गुलामी पर पीएम का प्रहार
पीएम मोदी ने इस अवसर पर देश को मानसिक गुलामी से मुक्त होने का संदेश दिया। उन्होंने मैकाले की शिक्षा पद्धति की कड़ी आलोचना की। मोदी ने कहा कि 1835 में मैकाले ने भारत को अपनी जड़ों से काटने की साजिश रची थी। हमें अगले 10 सालों में इस गुलाम मानसिकता को पूरी तरह खत्म करना होगा। लोग आज भी विदेशी चीजों को श्रेष्ठ मानते हैं। हमें अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करना सीखना होगा।
विकसित भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का यह प्रांगण राष्ट्र की सामूहिक शक्ति का केंद्र बनेगा। यहां निषाद राज और माता शबरी जैसे सात मंदिर सामाजिक समरसता का संदेश देते हैं। विकास के इस यज्ञ में महिला, दलित और वंचित वर्ग को केंद्र में रखा गया है। भगवान राम को शक्ति से ज्यादा सहयोग प्रिय था। हमें भी इसी भावना के साथ आगे बढ़ना है।
कोविदार वृक्ष और धर्म ध्वज का महत्व
मंदिर परिसर में कोविदार वृक्ष की वापसी को पीएम ने अस्मिता का पुनर्जागरण बताया। धर्म ध्वज पर सूर्यवंश का प्रतीक और ओम अंकित है। यह ध्वज दूर से ही भक्तों को रामलला के दर्शन कराएगा। जो भक्त मंदिर नहीं आ सकते, वे ध्वज को प्रणाम कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। पीएम ने मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले हर मजदूर और दानवीर का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत भारत की नींव रखनी है।
