Noida News: दुनिया को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसा नायाब तोहफा देने वाले राम सुतार नहीं रहे। मशहूर मूर्तिकार राम सुतार का 100 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने नोएडा स्थित अपने घर पर आखिरी सांस ली। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा दुख जताया है। राम सुतार ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक मूर्तियां बनाई थीं।
बेटे ने दी निधन की जानकारी
राम सुतार के बेटे अनिल सुतार ने पिता के निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 17 दिसंबर की आधी रात को राम सुतार ने दुनिया को अलविदा कहा। उनका जन्म महाराष्ट्र के धुले जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। एक साधारण परिवार में जन्मे सुतार को बचपन से ही मूर्तियां बनाने का शौक था। वह पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार
राम सुतार देश के सबसे सम्मानित कलाकारों में से एक थे। उन्होंने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से पढ़ाई की थी। वहां वह गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे थे। संसद में गांधी जी की ध्यान मुद्रा वाली मूर्ति उन्होंने ही बनाई थी। इसके अलावा छत्रपति शिवाजी की घोड़े पर सवार मूर्ति भी उनकी देन है। लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनी। गुजरात में स्थित यह सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
पीएम मोदी ने बताया कला का जादूगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुतार के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के जरिए उन्होंने भारत का सिर ऊंचा किया। मोदी ने उन्हें कला का जादूगर बताया। पीएम ने कहा कि उनकी कला ने हमारे इतिहास और संस्कृति को अमर कर दिया है। सुतार का काम आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। पीएम मोदी खुद उनकी कला के बहुत बड़े प्रशंसक थे।
पद्म भूषण से थे सम्मानित
राम सुतार को उनके शानदार काम के लिए कई बड़े सम्मान मिले। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से नवाजा था। हाल ही में उन्हें महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार भी मिला था। यह राज्य का सर्वोच्च पुरस्कार है। उन्होंने सात दशक से ज्यादा समय तक मूर्तिकला की सेवा की। उनका जाना भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए एक बड़ी क्षति है।
