Delhi News: रक्षाबंधन का त्योहार 9 अगस्त को है। दिल्ली और देशभर के बाजारों में खरीदारी की भीड़ उमड़ रही है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का अनुमान है कि इस साल 17,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा। मिठाई, फल और उपहारों पर 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाजारों में देशभक्ति और आत्मनिर्भर भारत थीम वाली राखियां छाई हुई हैं।
बाजारों में आत्मनिर्भर भारत का उत्साह
इस बार बाजारों में चीनी राखियां नहीं दिख रही हैं। लोग मेक इन इंडिया उत्पादों को चुन रहे हैं। रक्षाबंधन में देशभक्ति की भावना साफ नजर आ रही है। 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की याद भी मनाई जाएगी। सैनिकों को समर्पित राखियों की मांग बढ़ी है। शहरों में लोग फौजियों को राखी बांधकर सम्मान दे रहे हैं। यह त्योहार भाई-बहन के प्यार के साथ देशप्रेम का प्रतीक बना है।
राखियों में नए डिज़ाइन और थीम की बहार
बाजारों में राखियों के नए डिज़ाइन लोगों को लुभा रहे हैं। पारंपरिक राखियों के साथ थीम-बेस्ड राखियां खूब बिक रही हैं। वोकल फॉर लोकल, डिजिटल राखी, मोदी राखी और जयहिंद राखी लोकप्रिय हैं। इको-फ्रेंडली राखियां भी ट्रेंड में हैं। मिट्टी, बीज, खादी और बांस से बनी राखियां पर्यावरण के प्रति जागरूकता दिखाती हैं। लोग इन राखियों को खूब पसंद कर रहे हैं।
देश की संस्कृतियों से सजी राखियां
इस बार राखियां देश की विविध संस्कृतियों को दर्शा रही हैं। छत्तीसगढ़ की कोसा राखी, कोलकाता की जूट राखी और जयपुर की सांगानेरी राखी खास हैं। मुंबई की रेशम राखी, नागपुर की खादी राखी और बिहार की मधुबनी राखी भी बिक रही हैं। असम की चाय पत्ती राखी और झारखंड की बांस राखी लोगों को पसंद आ रही हैं। ये राखियां स्थानीय कला और परंपराओं को बढ़ावा दे रही हैं।
महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उद्योग को बढ़ावा
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ये राखियां खूबसूरत और अर्थपूर्ण हैं। ये स्थानीय महिला उद्यमियों और कारीगरों को सपोर्ट करती हैं। स्वयं सहायता समूहों को भी फायदा हो रहा है। भारतीय उपभोक्ता अब त्योहारों को गर्व के साथ मना रहे हैं। मेक इन इंडिया उत्पादों की मांग बढ़ रही है। यह आत्मनिर्भर भारत की भावना को मजबूत कर रहा है।
रक्षाबंधन का आर्थिक प्रभाव
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का अनुमान है कि रक्षाबंधन पर 17,000 करोड़ रुपये का कारोबार होगा। मिठाई, फल और उपहारों पर 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाजारों में रौनक छाई हुई है। लोग उत्साह के साथ खरीदारी कर रहे हैं। यह त्योहार न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थानीय उत्पादों को भी प्रोत्साहन दे रहा है। रक्षाबंधन का उत्साह पूरे देश में दिख रहा है।
सैनिकों के सम्मान में राखियां
इस बार सैनिकों को समर्पित राखियों की मांग बढ़ी है। ऑपरेशन सिंदूर में सैनिकों की बहादुरी को याद किया जा रहा है। लोग फौजियों को राखी बांधकर उनका सम्मान कर रहे हैं। यह पहल देशभक्ति की भावना को बढ़ा रही है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार के साथ-साथ देश के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक बन गया है। बाजारों में यह उत्साह साफ दिख रहा है।
